लखनऊ. प्रदेश के पूर्वांचल के जनपदों के समग्र विकास के संबंध में विभिन्न विभागों की तरफ से तैयार की गई कार्य योजना का प्रस्तुतिकरण मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में किया गया. बैठक में विभागवार एक्शन प्लान व उसके क्रियान्वयन के रणनीति पर गहन मंथन और विचार-विमर्श किया गया.


पूर्वांचल के समग्र विकास पर बैठक


बैठक में कृषि, सिंचाई, मछली पालन, उद्योग, पर्यटन आईटी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, व्यावसायिक शिक्षा, बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा एवं परिवहन विभाग की ओर से पूर्वांचल के समग्र विकास के लिए तैयार की गई कार्य योजना पर समीक्षा और उसके क्रियान्वयन के रोडमैप पर चर्चा की गई.


सौर ऊर्जा से संचालित बोरवेल का लक्ष्य


इसके अलावा सौर ऊर्जा से संचालित बोरवेल की स्थापना के संबंध में बताया गया कि प्रदेश का लक्ष्य करीब 8000 है, जिसमें से 35 प्रतिशत करीब 2500 पूर्वांचल के जनपदों के लिये है. बैठक में यह भी बताया गया कि बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर जैसे जनपदों में बोरवेल के लिये उपयुक्त स्थानों की मैपिंग कराने का प्रस्ताव है. माइक्रो इरीगेशन के प्रस्ताव में बताया गया कि पूर्वांचल क्षेत्र में जल की कमी के दृष्टिगत सूक्ष्म ड्रिप सिंचाई अत्यधिक उपयोगी है तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ‘पर ड्राप मोर क्राप’ कार्यक्रम में स्प्रिंकलर सिंचाई की स्थापना के कार्य को विस्तार दिया जायेगा.


पारंपरिक खेती पर जोर


बैठक में बताया गया कि जनपद बलरामपुर, महराजगंज, श्रावस्ती, बहराइच व सोनभद्र में थारू जनजाति की जनसंख्या अधिक है, जिन्हें इनकी पारंपरिक खेती, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन आदि को प्रोत्साहन देकर इन्हें बाजार से जोड़कर सीधे लाभ पहुंचाया जा सकता है.


ऑर्गेनिक खेती पर जोर


बैठक में आर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने पर जोर देते हुये बताया गया कि सरकार को उर्वरक सब्सिडी पर भारी खर्च करना होता है. पूर्वांचल क्षेत्र में जैविक खेती के पायलट प्रोजेक्ट करने के लिये इस धनराशि का उपयोग करके 15 चयनित जिलों में 100-200 एकड़ जमीन पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रस्ताव है. इसके अतिरिक्त फसल विविधीकरण और पूरक आय सृजन को प्रोत्साहन के लिये कान्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की गई. कान्ट्रैक्ट फार्मिंग के अंतर्गत आलू, कटहल, बेल, अमरूद, आम, केला, मिर्च-मसाले एवं अन्य पारंपरिक उत्पादों की खेती को प्रोत्साहित करने व इसके लिये मल्टीनेशनल कंपनियों से दीर्घकालीन अनुबंधों पर समझौता किया जाये.


उद्योगों की स्थापना


वहीं, पूर्वांचल में उद्योगों की स्थापना के सम्बन्ध में बताया गया कि पूर्वांचल क्षेत्र की क्षमता एवं पोटेंशियल के आधार पर आईटी, इलेक्ट्रिक वाहन, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि उत्पाद, लॉजिस्टिक्स, मशीन पार्टस, कृषि मशीनरी, आदि से सम्बन्धित उद्योगों की स्थापना के लिये उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जायेगा.


इसके अलावा उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा में पाठ्यक्रम इस प्रकार का हो, जो कि पूर्वांचल में आकर्षित किये जा रहे उद्योगों के लिये उपयोगी हों और स्वरोजगार के लिये कौशल प्रदान करे. इस सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि कौशल विकास मिशन के अंतर्गत 3 माह की ट्रेनिंग दी जाती है और वर्तमान में 33 सेक्टर में कुल 800 कोर्स संचालित हैं

शहरी परिवहन के अंतर्गत गोरखपुर में 25 इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने का प्रस्ताव है. ये बसें जून, 2021 तक चलनें लगेंगी.


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