UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूली बच्चों को मिलने वाली डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की धनराशि को लेकर नया फरमान जारी किया है. इसके मुताबिक प्रदेश में जिनके तीन से ज्यादा बच्चे हैं और वे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं तो उन्हें डीबीटी के तौर पर स्कूल की ड्रेस, स्वेटर और जूतों के लिए दिया जाने वाला पैसा सत्यापन के बाद ही दिया जाएगा. हिंदुस्तान अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इसके तहत पहले चरण में 7,15750 बैंक अंकाउंट की जांच की जाएगी, जिनके सत्यापन के बाद ही पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे. इनमें से करीब 6.44 लाख वो अकाउंट हैं जिनके तीन या उनसे ज्यादा बच्चे हैं.
स्कूली यूनिफॉर्म के लिए दिया जाता है पैसा
दरअसल यूपी में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सरकार की तरफ दो जोड़ी यूनिफॉर्म, एक स्वेटर, एक जोड़ी जूते, दो जोड़ी मोजे और एक स्कूल बैग के लिए धनराशि दी जाती है. 2020 से पहले ये पैसा स्कूल प्रबंध समिति के खाते में भेजा जाता था, जिससे संस्थाओं के जरिए बच्चों को यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद पिछले दो सालों से ये पैसा सीधी अभिभावकों के खाते में डीबीटी के जरिए भेजा रहा है.
7.15 लाख खातों का सत्यापन होगा
इस बार पहले चरण में 1,01,84014 बच्चों के खाते में डीबीटी की धनराशि के रूप में 1200 रुपये दिए गए हैं. लेकिन इनमें से 7.15 लाख खातों को संदिग्ध मानते हुए धनराशि नहीं दी गई है. इसमें 6.44 लाख ऐसे खाते हैं जो तीन या इससे ज्यादा बच्चों के ब्यौरे से लिंक हैं. जबकि 70820 अंकाउंट ऐसे हैं जिनमें एक से ज्यादा जगह नामांकन दिख रहा है. इसलिए पहले इन खातों का सत्यापन किया जाएगा. जिसके बाद ही डीबीटी का पैसा ट्रांसफर किया जा सकेगा.
वहीं दूसरी तरफ 12 लाख ऐसे खाते जो आधार नंबर से सीडेड नहीं हैं, जिसकी वजह से उनमें भी ये धनराशि नहीं दी गई है. इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने खातों की सीडिंग कराने की एडवाइजरी जारी की है. इसके लिए बच्चों के अभिभावकों को बैंक जाना होगा.
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