लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। उत्तर प्रदेश के चार जिलों में जल्द ही 10-10 प्राइमरी और अपर प्राइमरी मॉडल स्कूल बनाने की कवायद शुरू होगी। इन मॉडल स्कूल की खासियत होगी की यहां सिर्फ तकनीक से पढ़ाई ही नहीं होगी बल्कि इन्हें ग्रीन स्कूल के तर्ज पर बनाया जायेगा। यानी इनके भवन ऐसे होंगे की क्लास रूम में प्राकृतिक हवा और रोशनी मिलेगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है जो जल्द ही शासन को भेजा जायेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राजधानी लखनऊ, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर और बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी के क्षेत्र सिद्धार्थनगर में 10-10 स्कूल बनवाने का प्रस्ताव है।
स्कूल में पढ़कर पर्यावरण से जुड़ेंगे छात्र छात्राएं
सूबे के महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने बताया की सभी जिलों में ऐसे 10-10 स्कूलों को मॉडल बनाया जायेगा जिनके भवन पहले से जर्जर हैं। इनका डिज़ाइन ऐसा होगा की प्राकृतिक रोशनी, हवा आती रहेगी। इससे बिजली की बचत होगी। इतना ही नहीं यहां पीने के पानी के लिए जो RO लगेगा वो भी सोलर लाइट से चलेगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग का भी इंतेज़ाम किया जायेगा। इन स्कूलों को इको फ्रेंडली बनाकर बच्चों को पर्यावरण से भी जोड़ा जायेगा।
साइंस लैब से लेकर स्कूल का हर कोना कुछ सिखाएगा
मॉडल स्कूल की बात करें तो यहां साइंस कम मैथ्स लैब होगी। लाइब्रेरी के साथ रीडिंग कार्नर का इंतेजाम होगा। कान्वेंट स्कूलों की तरह स्मार्ट क्लास रूम में प्रोजेक्टर से पढ़ाई होगी। हर क्लासरूम अपने आप में यूनिक होगा। यानी हर कोने तक का डिज़ाइन और वाल पेंट ऐसा होगा की बच्चों को कुछ सीखने के लिए मिले।
स्कूल में बच्चों के लिए झूले होंगे, मिड डे मील खिलाने के लिए शेड होगा। इसके अलावा स्कूल में फायर फाइटिंग सिस्टम भी लगाया जायेगा। चारों जिलों के BSA से ऐसे 10-10 स्कूलों की सूची मांगी गयी है जो जर्जर हालात में हैं।