अयोध्या. अयोध्या में चौथे दीपोत्सव की तैयारी पूरे जोरों के साथ शुरू कर दी गई है. इस बार का दीपोत्सव बेहद खास होगा क्योंकि राम मंदिर विवाद पर फैसले और मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है. मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होने के बाद यह पहला दीपोत्सव है. योगी सरकार दीपोत्सव बेहतर बनाने की तैयारी में है, क्योंकि दीपोत्सव में कोरोना का साया भी चल रहा है, इसलिए दीपोत्सव में आने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा पास निर्गत किया जाएगा. बिना पास के दीपोत्सव में शामिल होने की अनुमति नहीं है. मुख्यमंत्री सर्वप्रथम राम जन्मभूमि संध्याकाल की आरती करेंगे और राम जन्मभूमि परिसर में गोबर के दीपक जो सरकारी गौशालाओं में तैयार किए जा रहे हैं, उनको जलाकर के दीपोत्सव का आगाज होगा. 1992 के बाद यह पहला मौका होगा जब राम जन्मभूमि परिसर में बड़े स्तर पर दीप जलाए जाएंगे.


रामायण के प्रसंगों की निकलेंगी झांकियां


चौथे दीपोत्सव के सारे पारंपरिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा साकेत महाविद्यालय से, रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियां निकलेंगी तो राम की पैड़ी पर साढे पांच लाख दीपक जलाकर फिर अवध विश्वविद्यालय कीर्तिमान स्थापित करने का प्रयास करेगा. राम और सीता के स्वरूप पुष्पक विमान से राम कथा पार्क पहुंचेंगे, जहां मुख्यमंत्री उनकी अगवानी करेंगे और फिर भगवान राम का राम राज्याभिषेक किया जाएगा.


जिलाधिकारी खुद देख रहे हैं सभी इंतजाम


दीपोत्सव की तैयारी की कमान जिलाधिकारी ने अपने हाथ में ले रखी है. ऐसे में जिलाधिकारी अयोध्या अनुज झा ने बताया कि कोरोना के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. सभी कार्य समय पर पूरे किए जाएं, इसकी तैयारी की गई है. दीपोत्सव में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कितने लोग शामिल हो सकते हैं, उनसे भी आधी संख्या में लोगों को दीपोत्सव में शामिल होने के लिए पास जारी किया जाएगा. बिना पास के पर्यटक को या किसी भी व्यक्ति को दीपोत्सव में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.


फिर रिकॉर्ड बनाने की तैयारी


दीपोत्सव में अवध विश्वविद्यालय का अहम योगदान होगा. पिछले साल 4 लाख 26 हजार दीपक जलाकर के विश्व रिकॉर्ड बनाने वाला अवध विश्वविद्यालय एक बार फिर अपने ही कीर्तिमान को दोबारा से तोड़ने का प्रयास करेगा. इस बार साढे पांच लाख दीपक राम की पैड़ी के घाटों पर चलाए जाएंगे. पिछली बार 12 घाटों पर दीपक जलाया गया था. इस बार घाटों की संख्या 24 है. इस काम में दस हजार वालंटियर का इस्तेमाल किया जाएगा. जिसमें आठ हजार वालंटियर सक्रिय भूमिका रहेंगे और 2 हजार वालंटियर को रखा जाएगा. इस बार घाटों पर रचनात्मक कलाकारी देखने को मिलेगी. घाटों पर भगवान राम के मंदिर का मॉडल, पुष्पक विमान, राम दरबार की कलाकृतियां बनाई जा रही हैं. इनके ऊपर दीपक जलाए जाएंगे. विश्वविद्यालय अपने ही कीर्तिमान को दोबारा से तोड़ने का प्रयास करेगा.


राम जन्मभूमि में छोटी दीपावली के मौके पर राम लला की आरती मुख्यमंत्री उतारेंगे उसके बाद राम जन्मभूमि परिसर में गोबर से बनाए गए दीपक जलाए जाएंगे. यह दीपक सरकारी गौशालाओं में तैयार किए जा रहे हैं. 1992 के बाद यह पहला मौका होगा जब राम जन्मभूमि परिसर में बड़ी संख्या में दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे.


ये भी पढ़ें.


देहरादून: त्यौहारी सीजन में ट्रेनों से भीड़ नदारद, कोरोना काल के चलते पहले ही लौट चुके हैं प्रवासी