लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। एक तरफ सरकार डीजी स्कूल एजुकेशन के पद का गठन करने पर अडिग है तो दूसरी तरफ प्रदेश भर के शिक्षा संवर्ग के अधिकारियों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लामबंद हो चुके अधिकारियों का साफ कहना है कि सरकार को इस मामले में पहले उनसे चर्चा करनी चाहिए थी। बेसिक शिक्षा विभाग में महानिदेशक के पद का गठन करने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। इसे आगामी कैबिनेट की बैठक में लाने की तैयारी है।


इस वजह से सरकार चाहती है महानिदेशक का पद
शासन के अधिकारियों की मानें तो महानिदेशक के पद का गठन बेसिक शिक्षा विभाग को पटरी पर लाने और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने में मददगार होगा। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि परिषदीय स्कूलों की तस्वीर बदलने के लिए दो दशक में ढाई हजार करोड़ से अधिक का खर्च भवन निर्माण और अवस्थापना सुविधाओं पर किया जा चुका है। लेकिन न तो बजट समय पर खर्च होता है और ना ही एसएसए को समय समय पर जानकारी मिलती है।

पद गठन के लिए इस समस्या का भी दे रहे हवाला
शासन के अधिकारियों का तर्क है की समन्वय की कमी के चलते विभिन्न योजनाएं भी प्रभावित होती हैं जिनका नुकसान इन स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को होता है। फिलहाल सरकार निदेशक बेसिक शिक्षा, निदेशक SCERT, निदेशक MDM, निदेशक सर्व शिक्षा अभियान के ऊपर एक महानिदेशक को बैठाने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाने जा रही है। जिससे बेसिक शिक्षा से जुड़े सभी निदेशकों में समन्वय बना रहे।

एसोसिएशन बोली फैसला उचित नहीं, विभाग में पूरा समन्वय
इस मामले को लेकर यूपी एजुकेशनल ऑफिसर्स एसोसिएशन के लोग विरोध में आ गए हैं। इसे लेकर एसोसिएशन ने एक बैठक की जिसमे निदेशकों से लेकर अन्य शिक्षा अधिकारी मौजूद रहे। एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सिंह का कहना है कि निदेशक बेसिक शिक्षा, निदेशक SCERT, निदेशक साक्षरता वैकल्पिक शिक्षा के बीच समन्वय की कोई समस्या नहीं। जबकि निदेशक एमडीएम और निदेशक राज्य परियोजना का पद अस्थायी है। उनका कहना है की अस्थायी इकाइयों को शिक्षा विभाग में तत्काल हस्तांतरित करना चाहिए। किसी अस्थायी इकाई में महानिदेशक के पद का गठन कर पूरा शिक्षा विभाग सौंपना उचित नहीं।

अपर मुख्य सचिव ने मंत्री को भरोसे में लेकर करा दी घोषणा- एसोसिएशन
एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एसएन मिश्र के अनुसार ये ठीक से सोच समझ कर लिया गया फैसला नहीं है। शिक्षा निदेशक का पद 10 हज़ार ग्रेड पे का है जबकि महानिदेशक पद पर विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को बैठाया जायेगा जिसका ग्रेड पे 8700 होता है। कम वेतनमान के व्यक्ति को अधिक वेतनमान के अधिकारी से ऊपर बैठना उचित नहीं। उनकी माने तो अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा मंत्री को कॉन्फिडेंस में लेकर ये घोषणा करा दी है। किसी से विचार विमर्श करके नुकसान नहीं देखा।

IAS को महानिदेशक बनाया तो बेपटरी होगी व्यवस्था:
उन्होंने कहा की SCERT बेसिक और माध्यमिक शिक्षा दोनों के लिए काम करता है। उसे सिर्फ बेसिक शिक्षा के लिए गठित होने वाले महानिदेशक पद के अधीन कैसे किया जा सकता है। असल में ये सरकार के तरफ से अधिकारियों के अधिकारों पर अतिक्रमण की कोशिश है जिसे स्वीकार नहीं किया जायेगा। एसएन मिश्र ने यहाँ तक कहा की पालिसी को पालिसी के उद्देश्य से ही लाया जाना चाहिए, किसी को पुरस्कृत करने के लिए नहीं। ये फैसला शिक्षा विभाग में अव्यवस्था को बढ़ावा देगा जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। मालूम हो की सरकार विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को महानिदेशक बनाने की तैयारी कर रही है।