लखनऊ, अनुभव शुक्ला। दूसरे राज्यों से लगातार प्रवासी मजदूर हज़ारों की संख्या में उत्तर प्रदेश वापस आ रहे हैं। अब इन प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश में ही रोजगार देने के लिए सरकार ने कार्ययोजना योजना भी तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे प्रदेश में 20 लाख प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार सृजन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इतनी बड़ी संख्या में नए रोजगार से यूपी की इकॉनमी को कितनी रफ्तार मिलेगी ये आपको बताते हैं।


लॉकडाउन के वक्त एक तस्वीर को लेकर सबकी चिंता सामने आई। लेकिन इस चिंता को दूर करने का सबसे पहले काम किया उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने। यह तस्वीर प्रवासी मजदूरों के पलायन की थी और इस पलायन को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा काफी पहले ही कर दी थी कि पूरे प्रदेश में जो भी प्रवासी मजदूर आएंगे उन्हें यहीं पर रोजगार दिया जाएगा।


प्रदेश में अब 20 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार की कार्य योजना भी बनकर तैयार है। इतना ही नहीं हर स्किल्ड, अनस्किलड लेबर को उसकी योग्यता के अनुसार काम दिया जाए और किस विभाग में कितने नए जॉब्स क्रिएट होंगे इसकी भी पूरी लिस्ट बनकर तैयार है।


इन क्षेत्रों में मिलेगा रोजगार


राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में- 3 लाख 10 हज़ार
Odop में 40000, MSME सेक्टर में 1 लाख 5 हज़ार, उद्यान विभाग में 60 हज़ार 814, समाज कल्याण विभाग में 2 लाख 91 हज़ार 226, कौशल विकास में 1 लाख, खादी ग्रामोद्योग में 1 लाख, जैव ऊर्जा में 1 लाख 9 हज़ार 560 और मनरेगा में 2 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है।


अब तक 120 से ज्यादा ट्रेनों से लगभग सवा लाख से ज्यादा मजदूर उत्तर प्रदेश लौटे हैं। और बहुत से मजदूर दूसरे साधनों से वापस आये हैं। इनकी कुल संख्या तकरीबन सात लाख के आसपास है। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि यूपी को MSME हब बनाया जाए और इसके लिये नियमों में कई छूट दी गयी है। प्रदेश के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का भी साफ तौर पर कहना है कि सरकार लगातार ऐसे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का काम कर रही है। 500000 लोगों को तो केवल एमएसएमई सेक्टर में काम दिया जाएगा। वह कह रहे हैं कि इस लॉकडाउन के समय उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कोई शोर नहीं उठ रहा है वहां सभी लोग संतुष्ट हैं यह एक बड़ी उपलब्धि है। साथ ही इस बात की भी उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार की जो वन ट्रिलियन इकॉनमी का लक्ष्य है वो जरूर पूरा होगा।


वही अर्थव्यवस्था की नब्ज पर अच्छी पकड़ रखने वाले अर्थशस्त्री भी यह मान रहे हैं कि जिस तरीके से यूपी सरकार रोजगार के नए अवसर तैयार कर रही है उसका सीधा फायदा प्रदेश की इकॉनमी को मिलेगा और वह यह भी कह रहे हैं इस रफ्तार से अगर काम हुआ तो 1 ट्रिलियन का लक्ष्य भी पूरा होगा। उनका साफ तौर पर यह भी मानना है कि दरअसल दूसरे राज्य जब इन मजदूरों को ठीक ढंग से नहीं रख पाए और यूपी सरकार ने इन्हें यही नौकरी देने की घोषणा की इस वजह से भी तमाम लोग अब उन राज्यों को छोड़कर अपने प्रदेश वापस लौट रहे हैं। अर्थशास्त्री ये भी कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश से दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों के पलायन न करने की बड़ी वजह यह है कि यूपी सरकार ने इनके लिए काफी बेहतर बंदोबस्त किए हुए हैं।


कहीं पर भी नए जॉब्स तब क्रिएट होंगे जब ज्यादा से ज्यादा इंडस्ट्री आएगी और इसे ही लेकर सरकार ने अब इंडस्ट्रीज को भी राहत देते हुए श्रम कानूनों के कुछ नियमों में ढील दी है जिसका सीधा फायदा ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक निवेश के रूप में मिलेगा। वहीं यूपी की नजर चीन से बाहर जाने वाली कंपनियों पर तो है ही जापान और कोरिया से भी सरकार लगातार संपर्क में है। इसके पीछे मकसद सिर्फ एक है कि प्रदेश में विकास का पहिया लगातार तेजी से घूमता रहे जिससे मजदूरों को रोजगार मिल सके।