Uttar Pradesh Government Refuses to Import Coal: देश के बिजली संयंत्रों में कोयले की किल्लत को देखते हुए केंद्र सरकार के सुझावों के उलट उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने विदेशी कोयले (Foreign Coal) का आयात करने से इनकार कर दिया है. राज्य सरकार के विशेष सचिव अनिल कुमार ने गत 20 मई को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को भेजे गए पत्र में कहा "शासन ने विचार करने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों द्वारा कोयला आयात न किए जाने का निर्णय लिया है." 


विदेशों से कोयला आयात नहीं करेगी यूपी सरकार


उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को बताया कि संगठन ने विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका दाखिल कर विदेशी कोयला खरीद की निविदा नहीं जारी करने का अनुरोध किया था. उसके बाद आयोग ने राज्य विद्युत उत्पादन निगम तथा प्रदेश के सभी निजी घरानों के बिजलीघर प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए अनेक विधिक सवाल उठाए थे. उन्होंने बताया कि आयोग ने सरकार से पूछा था कि विदेशी कोयले की खरीद से उपभोक्ताओं पर वित्तीय भार पड़ेगा इसलिए इस पर राज्य सरकार की अनुमति भी आयोग को दी जाए.


जानिए क्यों सीएम योगी ने लिया ये फैसला


इस पर उत्पादन निगम के अध्यक्ष एम. देवराज ने सरकार को भेजे गए एक प्रस्ताव में बताया था कि अगर विदेशी कोयले की खरीद की जाती है तो राजकोष पर 11 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा. इसकी वजह से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 85 पैसे से लेकर एक रुपये प्रति यूनिट तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है. वर्मा ने विदेश से कोयला आयात करने से इनकार किए जाने पर सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के 'दबाव' के बावजूद आदित्यनाथ ने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के हित में सराहनीय फैसला लिया है.


केन्द्र ने दी थी कोयला आयात करने की सलाह


केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने पिछले हफ्ते राज्य सरकारों को पत्र लिखकर कहा था कि राज्यों की बिजली उत्पादक कंपनियों को सम्मिश्रण के लिए कोयला आयात करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने के लिए कहा जाए ताकि मानसून के दौरान अपनी जरूरतों को पूरा किया जा सके. सिंह ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल को लिखे अलग-अलग पत्रों में चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि इन राज्यों में कोयला आयात के लिए निविदा प्रक्रिया या तो शुरू ही नहीं हुई है या अभी तक पूरी नहीं हो पाई है.


बिजली मंत्रालय ने इससे पहले राज्य बिजली उत्पादक कंपनियों को सम्मिश्रण उद्देश्यों के लिए कोयले की आवश्यकता का 10% आयात करने की सलाह दी थी. राज्यों को सलाह दी गई थी कि वे 31 मई तक निविदा के ऑर्डर दे दें.


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