UP News: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) और भारत सरकार (Indian Government) के द्वारा लगातार सरकारी योजनाओं (Government Schemes) के माध्यम से गरीब और असहाय लोगों की मदद करने का दावा विभागीय अधिकारियों के रिपोर्ट के अनुसार किया जा रहा है लेकिन विभागीय अधिकारियों के रिपोर्ट में कितनी सच्चाई है. इसकी पोल उस वक्त खुल गई जब दोनों आंखों से नेत्रहीन दंपति जिलाधिकारी के दरबार में घर के लिए एप्लीकेशन लेकर पहुंचे और बताया कि उन्हें शासन के द्वारा चलने वाली किसी भी योजना का कोई लाभ नहीं मिला. इसलिए वह ट्रेन में भीख मांग कर अपने परिवार का गुजर-बसर प्लास्टिक की झोपड़ी डालकर करता है.
क्या है पूरा मामला?
जिलाधिकारी के जनता दरबार में इन दिनों लगातार शिकायतकर्ताओं की भीड़ बढ़ती ही जा रही है. इन शिकायतकर्ताओं में से कुछ ऐसे पीड़ित भी दिखाई दे रहे हैं जो स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते आज तक किसी भी योजना के लाभार्थी नहीं बन पाए हैं. ऐसे ही पीड़ित रिंकी देवी और टुनटुन राजभर जो गहमर के रहने वाले थे और दोनों आंखों से अंधे भी थे बावजूद इसके आज तक इनको सरकार के तरफ से चलने वाली योजनाओं का जिसमें निशुल्क राशन आवास या फिर किसी अन्य योजना का लाभ नहीं मिल पाया और आज भी यह प्लास्टिक डाल कर और ट्रेनों में भीख मांग कर अपने जीवन का गुजारा करते हैं.
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टुनटुन राजभर का आरोप है कि गांव के प्रधान के पास कई बार गए लेकिन ग्राम प्रधान हर बार कहता है कि अभी तुम्हारा नाम लिस्ट में नहीं आया है जिसके बाद वह थक हार कर नेत्रहीन होने के बावजूद भी 50 किलोमीटर की यात्रा कर जिलाधिकारी के दरबार में पहुंचे है इन दंपति को जिलाधिकारी से ही कुछ राहत की उम्मीद दिख रही है वरना यह हर जगह से थक हार कर निराश हो चुके हैं.
जिलाधिकारी ने दिया मदद का आश्वासन
जिलाधिकारी ने नेत्रहीन दंपति की बातों को गंभीरता से सुना जिस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए तत्काल संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया साथ ही इन परिवारों का राशन कार्ड बनवाने के साथ ही राशन भी तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मैंने काफी ध्यान से उन दोनों की बातें सुनी, काफी गरीब दिख रहे थे और सबसे बड़ी बात ये कि वो आंखों से देख भी नहीं पा रहे थे, मैंने तत्काल खंड विकास अधिकारी को कहा पीएमएवाई या सीएमएवाई आवास योजना पात्रता के आधार पर लाभान्वित किया जाए,
जिला पूर्ति अधिकारी को मैंने कहा कि इनके लिए तत्काल खाद्यान्न की व्यवस्था की जाए, जो व्यक्ति आए थे उनकी ग्राम प्रधान से ज्यादा शिकायतें थीं उनका ये कहना था कि ग्राम प्रधान हम लोगों को जानबूझकर किसी भी योजना से लाभान्वित नहीं करवा रहा है, मैंने उन्हें आश्वस्त किया है कि आप जिन जिन योजनाओं से लाभान्वित होने के पात्र हैं हम सारी योजनाओं का आपको लाभ दिलाएंगे, फिलहाल तत्काल मैंने उनके लिए खाद्यान्न और आवास की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए हैं, संभवत: उनके पास जमीन भी नहीं होगी मैंने एसडीएम से कहा है कि पात्रता की जांच कर ली जाए और आबंटन योग्य जमीन हो उनको हम जमीन भी आबंटित कर देंगे ताकि ये अपने परिवार का ठीक से देखभाल कर सकें.