देवरिया, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में छह शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। ये सभी फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र लगाकर शिक्षक की नौकरी कर रहे थे। राज्य सरकार की तरफ से ग्यारह शिक्षकों की जांच की जा रही है। सभी के खिलाफ 2015 अप्रैल में वेतन रोकने का आदेश हुआ था लेकिन पिछली सरकार में सत्ता में बैठे लोगों के करीबी होने के चलते यह जांच प्रभावित की गई। साथ ही इन शिक्षकों को वेतन देने का आदेश पारित हुआ था।


सरकार बदलते ही इन शिक्षकों के खिलाफ जांच प्रक्रिया तेज हो गई। जांच में ग्यारह में से छह शिक्षकों की जांच पूरी हो गई और शासन ने 6 के खिलाफ इनकी नियुक्ति निरस्त कर वेतन भुगतान की वसूली और इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है।


इस पूरी घटना के बारे में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जांच चल रही है, शासन स्तर से हमारे पास एक प्रतिलिपि आई है, 11 शिक्षक जो देवरिया जनपद में तैनात थे, उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं, जिनकी जांच सहायक शिक्षा निदेशक गोरखपुर सप्तम मंडल द्वारा कराई गई जिस में जो जांच आख्या भेजी गई है शासन को उसमें 6 अध्यापकों की नियुक्ति को निरस्त करते हुए उनके वेतन भुगतान की वसूली और धोखाधड़ी के संबंध में तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्णय लिया गया। अभी पांच अध्यापकों का अभी सत्यापन कराया जाना है। हम लोगों ने प्रतिलिपि के आधार पर हमने सभी टीचरों का तत्कालीन प्रभाव से सब का वेतन रोक दिया है और जैसे ही शासन स्तर से जो भी निर्देश मिलेगा इन शिक्षकों का नियुक्ति निरस्त कर देंगे।


जब उनसे पूछा गया कि शिक्षकों का वेतन अप्रैल 2015 में रोका गया था फिर बाद में शिक्षकों का वेतन बहाल कर दिया गया ? तब उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में आया कि पहले भी इसकी जांच हुई थी फिर बाद में उनका वेतन भुगतान किया गया, क्यों किया गया यह मेरे संज्ञान में नहीं है।