UP: नकली प्लेटलेट्स बेचने वालों पर 'डबल अटैक' की तैयारी, गैंगेस्टर एक्ट के साथ संपत्ति भी होगी कुर्क
उत्तर प्रदेश में नकली प्लेटलेट्स बेचने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सरकार ने मामले में संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई का फैसला किया है. अब आरोपियों पर सरकार 'डबल अटैक' की तैयारी कर रही है.
UP News: संगम नगरी प्रयागराज में नकली और मिलावटी प्लेटलेट्स (Fake Platelets) का गोरखधंधा करने वालों पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. यूपी सरकार अब प्लेटलेट्स में मुसम्बी का जूस मिलाए जाने के आरोपों में घिरे लोगों पर डबल अटैक किए जाने की तैयारी है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority) ने आरोपी अस्पताल की बिल्डिंग को अवैध बताते हुए उसे बुलडोजरों के जरिए जमींदोज किए जाने का नोटिस जारी कर रखा है तो वही पुलिस महकमा अब पकड़े गए गिरोह के सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के तहत भी कार्रवाई कर उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी कर रही है.
डेंगू में अवसर ढूंढने वालों को बख्शी नहीं जाएगा - डिप्टी सीएम
उधर, सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मामले को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि डेंगू की आपदा में अवसर तलाशने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. प्रयागराज पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नकली और संक्रमित प्लेटलेट्स का गोरखधंधा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर 10 सदस्यों को जेल भेजा गया था. इन लोगों से हुई पूछताछ में यह साफ हुआ है कि गिरोह के लोग पैसों की लालच में लोगों की जिंदगी और सेहत से खिलवाड़ करते थे. मामले में अब आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई किए जाने की तैयारी की जा रही है.
प्रय़ागराज के ग्लोबल हॉस्पिटल पर लिया गया बड़ा एक्शन
उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपियों की संपत्तियों का पता लगाया जाएगा. आरोपियों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्तियों को कुर्क भी किया जाएगा. आरोपी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग पहले ही सील कर चुका है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान सामने आने के बाद अभी उम्मीद जताई जा रही है कि कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला और तेज होगा. प्रयागराज के झलवा इलाके के ग्लोबल हॉस्पिटल में 16 अक्टूबर को डेंगू संक्रमित प्रदीप पांडेय नाम के एक व्यक्ति को भर्ती कराया गया था. अगले दिन 17 अक्टूबर को उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाई गई. प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के बाद प्रदीप पांडेय की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें गंभीर हालत में दूसरे अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया. इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई.
नकली प्लेटलेट्स से गई थी मरीज की जान
आरोप है कि प्रदीप पांडेय को मुसम्बी जूस मिला हुआ प्लेटलेट्स चढ़ाया गया था और इसी वजह से उनकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश कर जिन 10 सदस्यों को जेल भेजा है, उनसे पूछताछ में यह पता चला है कि डेंगू पीड़ितों को प्लेटलेट्स के नाम पर प्लाज्मा की सप्लाई की जाती थी. प्लाज्मा को प्लेटलेट्स बता कर उसे ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता था. गिरोह के लोगों ने तमाम लोगों को यह नकलीऔर संक्रमित प्लेटलेट्स बेचे जाने की बात भी कबूली थी.
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