लखनऊ. प्रदेश के 90 हजार से अधिक होमगार्डों के लिए खुशी की खबर है. अब होमगार्डों को वर्दी की फिटिंग के लिए शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा, वह कपड़ा खरीदकर अपने नाप की वर्दी खुद सिलवा सकेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होमगार्डों को वर्दी उपलब्ध कराए जाने के बजाय उन्हें खुद वर्दी खरीदने का आदेश जारी कर दिया है. इसके लिए प्रत्येक होमगार्ड को 3 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी.


तीन साल में एक बार मिलती है वर्दी
होमगार्ड विभाग अपने अवैतनिक अधिकारियों और स्वयंसेवकों को हर 3 साल में एक बार वर्दी देता है. वर्दी में पैंट-शर्ट के अलावा जूते, कैप व अन्य सामान शामिल रहता है. हालांकि, विभाग से वर्दी मिलने की प्रक्रिया इतनी कठिन है कि ज्यादातर होमगार्ड इंतजार ही करते रह जाते हैं.


दरअसल, होमगार्ड विभाग वर्दी के लिए टेंडर निकालता है. टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियां जो कपड़ा व सामान दिखाती हैं, उन सबका कानपुर की लैब से परीक्षण कराया जाता है. टेंडर मिलने पर कंपनियां विभाग को वर्दी की सप्लाई करती हैं. सप्लाई की गई वर्दी की फिर से लैब में जांच कराई जाती है. कभी-कभी इस प्रक्रिया में इतना वक्त लग जाता है कि वित्तीय वर्ष ही खत्म हो जाता है और होमगार्डों तक वर्दी नहीं पहुंच पाती. वर्दी अगर उन्हें मिल भी जाती है तो उसकी नाप अलग होने या कपड़ा खराब और कटा-फटा होने की समस्याएं सामने आती हैं. ढीली-ढाली या फटी हुई वर्दी पहनने से होमगार्डों की छवि खराब होती है. होमगार्डों की इस परेशानी को आसान करने के लिए शासन ने वर्दी खरीदने का झंझट ही खत्म कर दिया है. होमगार्ड विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्दी खरीदने के लिए होमगार्डों को सीधे बैंक अकाउंट में रुपये भेजे जाएंगे.


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