UP News: यूपी की योगी सरकार की ओर से असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत मजदूरों को भरण‌-पोषण भत्ते की घोषणा होते ही राज्य के अ‍संगठित क्षेत्र के मजदूरों ने जमकर इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण कराया है. साल के आखिरी दिन यानि 31 दिसंबर तक इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकरण करवाने की आखिरी तिथि रखी गई थी.


अब सामने आए पंजीकरण के आंकड़े यह बताते हैं कि 31 दिसंबर तक इस योजना से जुड़ने वाले श्रमिकों की कुल संख्या 6.29 करोड़ है. यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 17 दिसंबर को रखे गए आंकड़ों से कहीं अधिक है. विधान मंडल में वर्तमान वित्तीय वर्ष के दूसरे अनुपूरक बजट को पेश करने के बाद जब सदन में योगी आदित्यनाथ द्वारा इसकी घोषणा की गई थी तब कुल पंजीकृत मजदूरों की संख्या 2.61 करोड़ थी.


आज जारी हुई पहली किश्त


सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की पहली किश्त जारी कर दी है. आज मुख्यमंत्री योगी पहली किश्त के अंतर्गत करीब डेढ़ करोड़ श्रमिकों के खातों में एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किए. इस दौरान सीएम योगी ने पहले की सरकारों पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों में गरीबों के साथ लूट होती थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले चार महीने भरन पोषण भत्ता मिलगा रहेगा. सीएम ने कहा कि जीवन और जीविका दोनों को बचाना है.






क्या है भरण-पोषण योजना?


उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत कोरोना की संभावित तीसरे लहर की आशंका के बीच असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दिसंबर से मार्च के बीच इन चार महीनों में पांच-पांच सौ रुपये प्रति माह की सहायता देने का फैसला लिया है. यह रकम श्रमिकों तक एक-एक हजार के दो किश्त के रूप में पहुंचाए जाएंगे. इस योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष के दूसरे अनुपूरक बजट में 4000 करोड़ का आवंटन किया गया है.


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