UP Graduates Teacher MLC Election: स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP)ने प्रचार शुरू कर दिया है. पार्टी ने हर वोटर तक अपने कार्यकर्ताओं को भेजना शुरू कर दिया है. इस बीच शिक्षकों ने ये ऐलान कर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है कि जो  पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) देगा, उसी को अपना समर्थन देंगे. वहीं, बीजेपी कार्यकर्ताओं को चुनावी धरातल पर मुद्दों की तपिश भी झेलनी पड़ रही है. OPS एक ऐसा मुद्दा है, जो शिक्षक एमएलसी सीट पर उतरे प्रत्याशियों और पार्टी के लिए बड़ी फांस बन सकता है.


एक-एक मतदाता तक पहुंच रहे हैं कार्यकर्ता
इसलिए पार्टी एक-एक मतदाता तक पहुंचने की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं को दे चुकी है और उन्हें अपनी रिपोर्ट भी 3 दिन के अंदर देने के निर्देश दिए गए हैं. जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए पेशेवर तरीके से काम करने उतरे कार्यकर्ता बाकायदा एक रिपोर्ट तैयार कर पार्टी के शीर्ष नेताओं को देंगे, जिसमें यह दर्ज होगा कि किन-किन शिक्षक और स्नातक मतदाताओं से उन्होंने मुलाकात की और किन प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया. इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी दर्ज होगा कि मतदाताओं ने किन मुद्दों पर अपना समर्थन देने की बात कही है. 


बीजेपी पांचों सीटें जीतने का कर रही है दावा
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी परिषद की पांचों सीटों को जीतने की बात कह रहे हैं. कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं. इस बाबत पदाधिकारियों को कार्य के विभाजन और हर मतदाता से जुड़ाव के निर्देश दिए गए हैं भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता स्टीकर, कैलेंडर, प्रचार सामग्री और डायरी लेकर चुनावी प्रचार युद्ध में उतर चुके हैं. भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता स्कूल दर स्कूल स्नातक और शिक्षक मतदाताओं के पास जाकर पार्टी की रीत नीत बताते हुए अपने प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन जुटाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं.


एक-एक वोटर की भेजनी पड़ेगी रिपोर्ट
इस बीच पार्टी ने जिला पदाधिकारी, लोकसभा संयोजक, विधानसभा संयोजक, पोलिंग सेंटर संयोजकों के साथ बैठक में जिम्मेदारियों को बांटा है. इसमें हर पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को लक्ष्य दिया गया है कि उन्हें किन मतदाताओं से संपर्क करना है. अपने हिस्से के मतदाताओं के नाम मिलने के 3 दिन के अंदर मतदाताओं से मिलना होगा. उन्हें पार्टी की रीति-नीति बताते हुए पार्टी के पक्ष में वोट देने की अपील भी करनी होगी. 3 दिन में जो मतदाता नहीं मिले या जिनके बारे में लग रहा हो कि उनका वोट पक्का नहीं है. इसका भी उल्लेख डायरी में करने के लिए कहा गया है.


इस रिपोर्ट में यह भी बताना होगा कि जिसका वोट पक्का नहीं है. उसकी किससे बात कराकर उसे समझाया जा सकता है. इसके बाद जो मतदाता छूट गए हैं, उनसे मिलने के लिए फिर से प्रयास किए जाएंगे. शिक्षक निर्वाचन के दौरान मतदाता संपर्क के कार्य में जुटे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की ऐसी ही टीमें हर उस जगह पहुंच रही हैं, जहां से पार्टी के प्रत्याशी के लिए समर्थन जुटाया जा सके.


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