लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अब आरक्षण की प्रक्रिया नए सिरे से तय होगी. मंगलवार को मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) (बारहवां संशोधन) नियमावली, 2021 के संशोधन प्रस्ताव पर मुहर लगा दी.


2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का फैसला
मंगलवार को आधी रात के बाद जारी सरकारी बयान के अनुसार मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली, 1994 में संशोधन करते हुए उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का फैसला किया है. मंत्रिपरिषद से अनुमोदित नियमावली आगामी सामान्‍य पंचायत चुनाव में लागू की जाएगी.


25 मई तक का दिया है समय
गौरतलब है कि, इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया था. अदालत ने इसके साथ ही पंचायत चुनाव पूरा कराने के लिए सरकार और आयोग को 25 मई तक का समय दिया है.


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