Azam Khan Latest News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में चल रही सुनवाई गुरुवार को पूरी हो गई. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया. अदालत इस मामले में दस दिनों में अपना फैसला सुना सकती है. आजम खान सिर्फ इसी एक मामले में ही जेल में बंद हैं. अगर इस मामले में आजम खान को जमानत मिल जाती है तो वह तकरीबन सवा दो साल के बाद जेल से बाहर आ जाएंगे. इस मामले में अदालत पहले भी सुनवाई पूरी कर चुका था और पिछले साल 4 दिसंबर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था.


यहां जानें कितने मामलों में मिल चुकी है जमानत?


गौरतलब है कि पूर्व मंत्री आजम खान अब सिर्फ शत्रु संपत्ति मामले में ही जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ जो 87 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, उनमें से 86 में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है. बाकी अलग-अलग मामलों में निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिली हुई है.


आजम खान जिस इकलौते मामले में सीतापुर जेल में बंद हैं वह शत्रु संपत्ति और वक़्फ़ बोर्ड के विवाद से जुड़ा हुआ है. आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड की एक जमीन को अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए गलत तरीके से अपनी यूनिवर्सिटी के नाम करा ली थी.


अगस्त 2019 में लखनऊ के एक पत्रकार अल्लामा ज़मीर नकवी ने इस मामले में आजम खान के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं के साथ ही डिस्ट्रक्शन ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज कराई थी.


मामला बाद में रामपुर ट्रांसफर हो गया था. आजम खान ने इस मामले में जमानत पाने के लिए पिछले साल ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. आजम खान की अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 4 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी. सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था.


आजम खान ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा 


तकरीबन 5 महीने तक अदालत का फैसला नहीं आया तो आजम खान ने अंतरिम बेल पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले ही यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक एप्लीकेशन दाखिल की और कहा कि उसे इस मामले में कुछ नए तथ्य पेश करने हैं इसलिए इस मामले में फिर से सुनवाई की जाए. यूपी सरकार की एप्लीकेशन को हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया और दोबारा सुनवाई के लिए 4 मई की तारीख तय की.


इस मामले में आज लगातार दूसरे दिन भी जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की बेंच में सुनवाई हुई. गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू हुई सुनवाई शाम करीब पौने सात बजे तक चली. आज की सुनवाई में सबसे पहले यूपी सरकार का पक्ष रखा गया. सरकार की तरफ से ज्यादातर वही बातें दोहराई गई जो पिछले साल कही गई थी.


आजम खान की तरफ से बचाव में कहा गया कि जिस आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है उसमें सिर्फ कुछ महीनों की ही सजा होती है और आजम खान सवा 2 साल से जेल में बंद हैं, ऐसे में उन्हें जमानत दे दी जानी चाहिए. आजम खान की तरफ से एफआईआर कराने वाले अल्लामा जमीर नकली की तरफ से जमानत अर्जी का विरोध किया गया.


सवा तीन घंटे तक चली सुनवाई


तकरीबन सवा तीन घंटे तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने एक बार फिर से अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. अदालत ने फैसला सुनाने के लिए कोई तारीख तय तो नहीं की, लेकिन यह कहा कि मई के दूसरे हफ्ते में फैसला सुनाया जा सकता है. आज की सुनवाई से आजम खान को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.


इस केस को लेकर क़ानून के जानकारों को उम्मीद है कि आजम खान को हाईकोर्ट से जमानत मिल सकती है. आजम खान को अगर इस केस में जमानत मिलेगी तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे, क्योंकि वह सिर्फ इसी केस में जेल में बंद हैं.


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