UP Assembly Election 2022: टिकट की सौदेबाजी को लेकर ऑडियो वायरल होने के बाद आगरा RLD की सियासत में आया भूचाल आ गया है. आगरा ग्रामीण से पूर्व विधायक कालीचरण सुमन जो राष्ट्रीय लोकदल से मजबूत प्रत्याशी थे, उनकी टिकट कटने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि जिलाध्यक्ष मुझसे पैसे मांग रही थी इसलिए मेरे पैसे ना देने में असमर्थता जताने पर गलत रिपोर्ट के आधार पर टिकट कटवाई गई है.


कालीचरण सुमन ने कहा कि 9 जनवरी को मैं उनके आवास पर गया था, वहां राष्ट्रीय लोकदल के ब्रज प्रांत के किसान प्रकोष्ठ के संयोजक भी मौजूद थे. उसी समय उन्होंने मुझसे 20 लाख रुपए की मांग की. जब मैंने यह कहा कि यह लोकदल है, मायावती की पार्टी नहीं है, तो उन्होंने कहा कि "चौधरी चरण सिंह वाला जमाना नहीं रहा है. समय बदल चुका है, इसलिए उन्हें जयंत चौधरी के किसी खास आदमी को पैसे पहुंचाने हैं. हमारी पार्टी सत्ता में नहीं है, इसलिए थोड़ा बहुत पैसा तो चलता है.


साल 2012 में विधायक चुने गए थे कालीचरण सुमन


कालीचरण सुमन बीएसपी से साल 2012 से 2017 तक आगरा ग्रामीण से विधायक चुने गए थे. ऐसे में उन्होंने कुछ महीने पहले ही राष्ट्रीय लोकदल को ज्वाइन किया था और उन्हें उम्मीद थी कि जनता उनको जरूर चुनकर विधानसभा भेजेगी. ऐसे में उनकी जगह आगरा ग्रामीण सीट से सपा-आरएलडी प्रत्याशी के तौर पर महेश कुमार जाटव को मैदान में उतारा है. कालीचरन सुमन ने इसको लेकर आरएलडी चीफ जयंत चौधरी से न्याय मांगा है और इस सीट पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है. वहीं जब इस ऑडियो को लेकर जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने दिल्ली में अपने आप को होने की बात कही और इसे फेक ऑडियो बताया. 


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