मेरठ: भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के पश्चिम यूपी दौरे के चलते आज सुबह वे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई के घर पहुंचे. माना जा रहा है कि चुनाव से पहले बीजेपी ब्राह्मण नेताओं को साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. जिसके चलते अभी कुछ दिन पहले ही प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह मेरठ पहुंचने पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई के घर पहुंचे थे, तभी से माना जा रहा था कि भाजपा ब्राह्मण वोटों की खातिर ब्राह्मण नेताओं को साधने में कोई भी कसर नहीं रखना चाहती है. आज भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह भी सुबह चाय पर लक्ष्मीकांत बाजपेई के घर पहुंच गए, जहां कुछ देर चर्चा करने के बाद राधा मोहन सिंह वहां से निकल गए.


विधानसभा चुनाव में हार के बाद हासिये पर थे


आपको बता दें कि, 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान लक्ष्मीकांत बाजपेयी के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने रहने के दौरान ही पार्टी ने प्रदेश में उम्दा प्रदर्शन किया था. लेकिन उसके बाद 2017 के चुनाव में लक्ष्मीकांत बाजपेई मेरठ की शहर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे, जिसके बाद काफी समय तक लक्ष्मीकांत बाजपेई को पार्टी में कोई खास महत्व नहीं दिया गया और वो हासिये पर रहे. लेकिन अचानक से जतिन प्रसाद को भाजपा में शामिल कराने के बाद भारतीय जनता पार्टी को एकाएक लक्ष्मीकांत बाजपेई की याद आई. जिसके बाद अभी तीन दिन पहले ही लक्ष्मीकांत बाजपेई को लखनऊ आलाकमान के नेताओं की बैठक में बुलाया गया था और उसके बाद आज प्रदेश के दौरे पर निकले भाजपा के प्रभारी राधा मोहन सिंह भी लक्ष्मीकांत बाजपेई के घर पहुंच गए.


नाराजगी दूर करने की कवायद


बाजपेयी क्षेत्र के एक धुरंधर नेता माने जाते हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी  किसी भी तरीके से पार्टी के किसी नेता को भी नाराज नहीं रखना चाहती है. इसके चलते एकाएक लक्ष्मीकांत बाजपेई के साथ पार्टी के आला नेताओं की मुलाकातों का दौर शुरू हो चुका है. आज की मुलाकात के बारे में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई से बात की, तो उन्होंने बताया कि राधा मोहन सिंह उनके पूर्व में सहयोगी रहे हैं, जिसके चलते वह उनसे मिलने यहां पर आए थे. साथ ही राधा मोहन सिंह ने उनसे आग्रह किया है कि, वह भाजपा में प्रदेश सरकार के द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को क्षेत्र की जनता तक पहुंचाएं. लेकिन माना यही जा रहा है कि, भारतीय जनता पार्टी चुनाव से पहले ब्राह्मणों को साधने की कवायद में जुटी है.


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