UP Instructors Fast: अपनी मांगो को लेकर 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती से प्रत्येक रविवार अनुदेशकों का परंपरागत अनशन जारी है. मांगों को लेकर अनुदेशकों ने आज राष्ट्रपति को खून से लिखा पत्र लिखा है. मानदेय वृद्धि को लेकर काफी दिनों मांग जारी है. अनुदेशकों के 17 हजार मानदेय होने के बाद कटौती को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. 15 दिसंबर तक मांगे न पूरी होने पर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी. एक तरफ, जहां देश की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार चौतरफा विकास के बात के साथ शिक्षा स्वास्थ्य जैसे अनेकों सुविधाओं को लेकर तमाम दावे कर रही है.


तो वहीं पुरानी पेंशन के साथ-साथ अनुदेशक शिक्षकों के मानदेय और नियमित करने को लेकर मौजूदा बीजेपी सरकार की गले की हड्डी बन चुकी हैं. उसी क्रम में आज प्रत्येक रविवार की तरह इस रविवार भी शास्त्री चौक झंडे चौराहे पर अनुदेशक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपने मानदेय को बढ़ाने के साथ साथ नियमित करने को लेकर सरकार को घेरने का काम किया है. मौजूद अनुदेशक शिक्षकों ने अपने खून से देश के राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिख कर नियमति और मानदेय में वृद्धि को लेकर मांग की है. वहीं अनुदेशकों ने सरकार को 15 दिसंबर तक मांगे न पूरी होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.


योगी सरकरा से शिक्षकों का आग्रह


वहीं धरना दे रहे परिषदीय अनुदेशक के जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार से हमारी एक ही मांग है कि हम अनुदेशकों का नियमितीकरण कर दिया जाए. हम लोग एक शिक्षक की तरह शिक्षण कार्य में सहयोग कर रहे हैं. हम लोगों को संविदा पर रखा गया है. हमारा मानदेय ₹9000 है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हम उत्तर प्रदेश की सरकार से मांग करते हैं कि समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए और जब तक लागू नहीं किया जाएगा तब तक हम लोगों का प्रदर्शन करना जारी रहेगा. हाई कोर्ट ने जो हमें 17000 देने को कहा है हम सरकार से मांग करते हैं कि वह हमें दिया जाए. सरकार हम लोगों के खिलाफ जो कोर्ट गई है. हम सरकार से आग्रह पूर्वक निवेदन करना चाहते हैं कि सरकार हमसे अपने ही कर्मचारियों से लड़ाई न करके हमको भी सम्मान दे. जिससे हमारा सामाजिक आर्थिक शोषण ना हो.


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