Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह देवभूमि है यहां धर्मांतरण, लैंड और थूक जिहाद नहीं चलेगा और न ही चलने दिया जाएगा. समाज के लोगों को भी आगे आकर ऐसी मानसिकता वालों को जवाब देना होगा. अब इस पर यूपी के इस्लामी विद्वान मौलाना नाज़िम अशरफी ने कहा कि बिना किसी जांच के मुख्यमंत्री को ऐसे बयान नहीं देने चाहिये.


मौलाना नाज़िम अशरफी ने कहा कि, खाने पीने की चीजों में थूकना किसी भी तरह से सही नहीं है लेकिन थूकने वाले कौन हैं इसकी सही से जांच होनी चाहिये लेकिन धर्मान्तरण और लैंड जिहाद बेबुनियाद बातें हैं. मुख्यमंत्री मुसलमानों के बारे में ऐसी गलत बात न करें. हम थूकने वालों और धर्मान्तरण कराने वालों के बिल्कुल ख़िलाफ़ हैं लेकिन बिना सबूत या जांच के ऐसे बयान नहीं देने चाहिये. पुष्कर सिंह धामी चुनावों में धुर्वीकरण के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं तो बर्दाश्त के काबिल नहीं हैं. 


मौलाना नाजिम अशरफ़ी ने कहा कि, पूरा भारत ही देवभूमि हैं उत्तर प्रदेश के अयोध्या में तो श्री राम चन्द्र जी का जन्म हुआ वह भूमि बहुत अहम है. उन्होंने सवाल किया की क्या पुष्कर धामी जी ने कभी इस बात की जाँच कराई की कितनी मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करा दिया गया. सब का साथ सब का विकास का नारा सिर्फ ज़ुबानी है, सब को बराबर अधिकार दे तब यह सच साबित होगा. कोई भी मानवता और इंसानियत में जीने वाला थूक नहीं मिलायेगा. इस से क्या उसे कोई दौलत या सरकारी नौकरी मिलने वाली है.


खाने की चीजों में थूकने वालों पर हो कार्रवाई
आगे कहा कि, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को चाहिए की बेरोज़गारों को नौकरी दें. अच्छी सड़कें बनवाएं और अच्छी धर्मशालाऐ बनवायें या मंदिरों का सौन्दर्यकरण करवायें. तब सनातन का फायदा होगा. ऐसी बातों से हिन्दू भाई इनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं. सोशल मीडिया में थूक के जो वीडियो वायरल होते हैं उनकी अच्छे से जाँच होनी चाहिये हो सकता है. ये लोग आपके ही लोग हों जो किसी लालच में ऐसा करते हों और उसका राजनितिक लाभ आप लेते हों. हम थूकने वाली हरकत करने वालों की निंदा करते हैं. ऐसे लोगों पर कार्यवाही वहां का स्थानीय प्रशासन क्यों नहीं करता? आपकी वहां सरकार हैं.


तिरुपति बाला जी मंदिर के प्रसाद में मिलावट की भी हम निंदा करते हैं वहां कोई मुसलमान मुख्यमंत्री न पहले था और न अब है इसलिए हम कहते हैं की उसकी भी जाँच होनी चाहिये और पुष्टि होनी चाहिए. किस ने मिलावट की बिना जाँच के बिना बयानबाज़ी नहीं करनी चाहिए.


ये भी पढ़ें: Taj Mahal: चांदनी रात में ताजमहल का करना है दीदार तो टिकट करें बुक, फूल हो रहा स्टॉक