UP Election 2022: चुनाव से पहले बीजेपी के सहयोगी का बड़ा बयान, कहा- मुस्लिम हमारे लिए अछूत नहीं, BJP को लेकर कही ये बात
यूपी चुनाव से तीन दिन पहले अपना दल (S) प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने कहा कि विचारधारा के मामले में उनकी पार्टी बीजेपी से अलग है. साथ ही उनकी पार्टी हिंदुत्व और इससे जुड़े मुद्दों से खुद को अलग रखती है.
UP Election 2022: अपना दल (S) को सामाजिक न्याय (Social Justice) के लिए खड़ा करने पर जोर देते हुए, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Union Minister Anupriya Patel) ने सोमवार को अपनी पार्टी को "हिंदुत्व और उन सभी मुद्दों" (Hindutva and all issues) से अलग कर दिया और कहा कि यह वैचारिक रूप से भाजपा (BJP) से अलग है. अपना दल (S) प्रमुख ने 10 फरवरी से शुरू होने वाले सात चरणों के उत्तर प्रदेश चुनाव (Uttar Pradesh Election) के पहले दौर (First Phase) से तीन दिन पहले पीटीआई को बताया कि मुस्लिम उम्मीदवार (Muslims Candidates) उनकी पार्टी के लिए अछूत नहीं हैं.
हम वैचारिक रूप से भाजपा से अलग हैं- अनुप्रिया पटेल
पटेल ने कहा कि, "हां, हम वैचारिक रूप से भाजपा से अलग हैं. लोग मुझसे हिंदुत्व और उन सभी मुद्दों पर सवाल पूछने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन सभी मुद्दों से खुद को अलग करती हूं और मेरी पार्टी धार्मिक राजनीति नहीं करती है. हम सामाजिक न्याय के लिए खड़े हैं. यही हमारी विचारधारा है.”
हमेशा समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए काम किया है
अनुप्रिया पटेल ने आगे कहा कि, “हमने हमेशा समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए काम किया है, चाहे वह सड़कों पर हो या संसद में, और यह हमारा दर्शन और हमारे संस्थापक सिद्धांत हैं और हम केवल इस पर टिके रहते हैं."
अपना दल (S) के पहले मुस्लिम उम्मीदवार हैं हैदर अली
पटेल ने कहा कि अपना दल, जो उत्तर प्रदेश में पिछले तीन चुनावों 2014 और 2019 के आम चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की सहयोगी रही है, ने इस बार अपने पहले मुस्लिम उम्मीदवार की घोषणा की है. कांग्रेस की दिग्गज नेता बेगम नूर बानो के पोते हैदर अली अपना दल (एस) द्वारा घोषित पहले उम्मीदवार हैं. वह स्वार (Suar) से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
पटेल ने कहा, "मुझे नहीं पता कि हर कोई एक उम्मीदवार को धर्म के नजरिए से क्यों देख रहा है. वह एक होनहार युवा है जो अच्छी तरह से शिक्षित है." उनकी पार्टी उम्मीदवारों को धर्म के चश्मे से नहीं देखती है, उन्होंने पिछली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं होने पर एक सवाल के जवाब में में ये कहा.
अपना दल (s) के लिए मुस्लिम अछूत नहीं हैं
मेरी पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल जब जीवित थे तो मेरी पार्टी के पहले विधायक एक मुसलमान थे जिन्होंने प्रतापगढ़ सदर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी और उनका नाम हाजी मुन्ना था. कई मुसलमान अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इसलिए मेरी पार्टी के लिए मुसलमान अछूत नहीं हैं और मैं उम्मीदवारों को उनके धर्म के आलोक में नहीं देखती हूं.
उत्तर प्रदेश में मूड एनडीए के पक्ष में है- पटेल
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अपना दल (S) हमेशा सामाजिक न्याय की विचारधारा से संबंधित मुद्दों को उठाने में सबसे आगे रहा है. इसने नीट परीक्षाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण का मामला भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने उठाया था. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मूड एनडीए के पक्ष में है और भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में फिर से सरकार बनाएगा.
यूपी में अपना दल ने अब तक 13 उम्मीदवारों की घोषणा की है
बता दे कि अपना दल ने अब तक 13 उम्मीदवारों की घोषणा की है और 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा में पांच और सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने की उम्मीद है. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था और नौ पर जीत हासिल की थी. अपना दल (एस) के लोकसभा में दो सांसद हैं.
ये भी पढ़ें
UP Election 2022: चंद्रशेखर आजाद ने बसपा को बताया सूखा पेड़, अखिलेश यादव के लिए कही यह बात