Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात (Kanpur) में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जल कर मौत हो गई. इस दर्दनाक हादसे के बाद लेखपाल अशोक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया. अब इस मामले में एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद के निलंबन को लेकर लेटर लिखा गया है. वहीं नाराज परिजनों ने अब तक मां और बेटी की डेड बॉडी उठने नहीं दी है. दरअसल, कानपुर देहात में प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए पहुंची थी, लेकिन जिस घर को गिराया जा रहा था वो लोग खुद को आग लगाने की धमकी दे रहे थे.तभी प्रदर्शन के दौरान ही अचानक वहां पर आग लग गई, जिसमें मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई.


क्या है पूरा मामला
पीड़ित ने कानपुर देहात के मैथा तहसील में तैनात एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और रूरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम समीर लेखपाल अशोक सिंह को आरोपी बताया है. पीड़ित परिवार का आरोप यह है कि कब्जे को ध्वस्त करने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिवार को झोपड़ी में जबरन कैद कर उस पर आग लगा दिया. इसके चलते झोपड़ी के अंदर फंसी मां-बेटी को आग ने अपनी चपेट में ले लिया और दोनों की झुलस कर मौत हो गई. इसके बाद कानपुर देहात के मंडोली गांव में पुलिस और प्रशासन पर ग्रामीणों और परिजनों ने हमला कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही कानपुर रेंज के आईजी और एडीजी जून सहित मंडलायुक्त राजशेखर भी मौके पर पहुंचे. 


परिजनों ने की मुआवजे की मांग
वहीं परिवार लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़ा रहा इसमें 50 लाख परिवार के लिए मुआवजा, घर के दो बेटों के लिए सरकारी नौकरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल प्रभाव से मुलाकात और साथ ही परिवार को आजीवन पेंशन की मांग रखी है. वहीं कानपुर देहात पुलिस ने 11 नामजद लोगों के साथ-साथ एक कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है. इस मुकदमे में कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद लूंगा, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाकर 307, 302 जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है.



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