Budget 2024: मोदी सरकार के 11वें बजट के बाद उत्तर प्रदेश में विपक्ष ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव, यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय, मैनपुरी सांसद डिंपल यादव और सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने जुबानी हमला बोला है.
बसपा चीफ मायावती ने कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा. पूर्व सीएम ने कहा कि देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव. बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?
मायावती ने कहा कि देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो. रेलवे का विकास भी अति-जरूरी. सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे.
सपा ने क्या कहा?
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है. शुक्र है इंसान इन हालातों में भी जिंदा है. कन्नौज सांसद ने कहा कि सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ दिया गया. इन्होंने 10 साल में बेरोजगारी बढ़ा दी है. यूपी को कुछ नहीं मिला है.
सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यह औसत, अर्थहीन, भ्रामक और दीर्घकालिक दृष्टि के अभाव वाला बजट है. देश के सर्वाधिक आबादी वाले सूबे को इस बजट ने निराश किया है.
मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, 'महिलाओं की सुरक्षा को लेकर होना चाहिए था, (बजट में)कुछ भी नहीं है.किचन का ध्यान नहीं रखा गया है क्योंकि सरकार मंहगाई के बारे में कोई कदम नहीं उठाना चाह रही है.'
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अजय राय ने लगाए ये आरोप
केंद्रीय बजट पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, 'अगर मुख्य बातें सामने आ गईं तो सरकार की पोल खुल जाएगी. सरकार गलत है और दिखावा कर रही है. इस बजट में कुछ भी नहीं है और यह केवल गुमराह करने वाला है.'
केंद्रीय बजट 2024 पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'उन्हें (केंद्र को) यह बजट कागजों पर तो ठीक लगता होगा, लेकिन जमीनी स्तर पर इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है.सरकार को फसलों की कीमत देनी चाहिए, मुफ्त बिजली, सस्ती खाद देनी चाहिए, खेती के उपकरणों पर जीएसटी कम करना चाहिए.'
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केंद्रीय बजट पर कहा, 'किसानों से बड़े वादे किए थे लेकिन उन्हें क्या मिला? न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र हुआ और न ही किसान सम्मान निधि बढ़ी. कुल मिलाकर अगर देखें तो यह निराश करने वाला था और उन्होंने बिहार और आंध्र प्रदेश को एक 'झुनझुना' थमा दिया है.'