UP: नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने आजमगढ़ पहुंचकर पीड़ित परिवार से की मुलाकात, पुलिस और योगी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
पिछले महीने 29 तारीख को दो पक्षों में मारपीट की सूचना पर पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. आरोप है कि इसके बाद पुलिस ने गांव में जाकर लूटपाट और बर्बरता की.
आजमगढ़ः विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी शुक्रवार को आजमगढ़ जिले के रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव पहुंचे. उन्होंने यहां पुलिस की बर्बरता के शिकार हुए पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उनका दुख-दर्द साझा किया. पूर्व सांसद रमाकांत यादव विधायक, दुर्गा प्रसाद यादव, डॉ. संग्राम यादव, नफीस अहमद, राकेश यादव और हवलदार यादव समेत समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
सरकार और पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने आजमगढ़ पहुंचकर योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अपने 45 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने पुलिस की इतनी बर्बरता पहले कभी नहीं देखी है. उन्होंने कहा कि, "पुलिस ने पीड़ित परिवार के पुरुषों को पीटा और यहां तक कि महिलाओं के कपड़े फाड़ दिए और प्राइवेट पार्ट पर चोट पहुंचाई गई. इसके साथ ही पीड़ितों के मकान को जेसीबी से ढहा दिया गया. घर में पुलिस वालों ने जमकर लूटपाट की."
उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने हिटलर और मुसोलिनी जैसे तानाशाह को भी पीछे छोड़ दिया है. रामगोविंद चौधरी ने मांग किया कि दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का प्रयास, मारपीट, महिलाओं का अपमान, छिनैती और डकैती जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हो. इसके साथ ही पीड़ित परिवार पर दर्ज मुकदमा वापस हो और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी की तारीफ की है उससे तो यही सिद्ध होता है कि अब प्रदेश में महिलाओं पर और अत्याचार बढ़ जाएगा.
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में महिलाओं पर जितना अत्याचार हो रहा है, इससे पहले कभी नहीं हुआ. रामगोविंद चौधरी ने कहा कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर उनके प्रतिनिधि के तौर पर पलिया गांव आए हैं और यहां से जाकर विस्तृत रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपेंगे. इसके साथ ही मामले को विधानसभा में उठाएंगे. उन्होंने ऐलान किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी और पीड़ित परिवार को पूरा न्याय दिलाया जाएगा.
क्या है पूरा मामला
आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में बीती 29 जून को लड़की के विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो गई थी. मौके पर पहुंची रौनापार पुलिस के दो सिपाहियों विवेक त्रिपाठी और मुखराम यादव को ग्रामीणों ने मारपीट कर घायल दिया था. आरोप है कि इससे गुस्साए पुलिसकर्मियों ने गांव में रात 9 बजे पहुंचकर तीन जेसीबी से 4 लोगों के मकान क्षतिग्रस्त कर दिए. बाइक एक ट्रैक्टर आदि को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने वहां मौजूद पुरुष और महिलाओं के साथ मारपीट और घरों में लूटपाट भी की.
इसको लेकर महिलाएं 2 जुलाई से गांव में ही धरने पर बैठ गई. अनुसूचित समाज के साथ हुई घटना को लेकर राजनीतिक दलों के लोग सक्रिय हो गए. कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद यह मामला पूरी तरह गरमा गया. इसके साथ ही बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच जिला प्रशासन ने पीड़ितों से माफ मांगी. इसके अलावा 10 जुलाई को भाजपा नेता मनीष मिश्रा और जयनाथ सिंह की पहल पर धरना खत्म हुआ था, लेकिन परिवार और ग्रामीणों की मांग अनवरत जारी रही.
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