IIT से पढ़ाई, अमेरिका में जॉब, एक नंबर से IFS बनने से चूके, UPPSC में अतुल ने किया टॉप
यूपी के प्रतापगढ़ के अतुल कुमार सिंह ने यूपीपीएससी की परीक्षा में टॉप किया है. बेटे की सफलता से परिवार गदगद है. अतुल मांधाता ब्लाक के गोसाई पुर के रहने वाले हैं.
UP News: प्रतापगढ़ के अतुल कुमार सिंह ने यूपीपीएससी की परीक्षा में टॉप किया है. जिसके बाद उनका परिवार बहुत खुश हैं. उनके गांव में जश्न का माहौल है. टॉपर के गांव गोसाईपुर में देर रात तक बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. पिता और चाचा समेत परिवार के लोग आने जाने वालों का मुंह मीठा करा रहे हैं. बेटे की सफलता से परिवार गदगद है. बेटे की सफलता की कहानी उनके पिता ओमप्रकाश सिंह ने सुनाई. अ
तुल कुमार सिंह का जन्म अप्रेल 1987 में हुआ था. पिता ADSTO के पद से रिटायर हैं तो वहीं मां गृहिणी थी. हालांकि उनका निधन हो चुका है. अतुल के बड़े भाई दवाओं के कारोबार में हैं. उनकी एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है. सबसे छोटे अतुल हैं, अतुल की शिक्षा दीक्षा प्रयागराज से ही हुई है.
अतुल बचपन से मेधावी रहे हैं उन्हें पढ़ाई का जुनून रहा है, जिसके चलते उसका आईआईटी में चयन हो गया. खड़गपुर से बायोटेक्नोलॉजी से बीटेक करने के बाद उनका चयन अमेरिकी कम्पनी में हो गया. अमेरिका में प्राइवेट जॉब की, लेकिन मन नहीं लगा तो जॉब छोड़ दी और पिता की सलाह पर वापस भारत आकर संघ लोक सेवा आयोग की तैयारियों में जुट गए.
अतुल के पिता का कहना है कि बचपन से ही उसका (अतुल) पढ़ाई के सिवाय किसी काम मे मन नहीं लगाता था. आलम ये था कि रिस्तेदारों तक के यहां आता जाता नहीं था. मजबूरन कहीं जाना भी पड़े तो जल्द वापस लौटता था. संघ लोक सेवा आयोग के सभी अटेम्प्ट देने के बावजूद चयन नहीं हो उसका. एक बार तो बैड लक इस कदर हावी रहा कि एक नम्बर से चूक गया अन्यथा आईएफएस हो जाता.
संघ लोक सेवा आयोग के मौके खत्म तो शुरू की यूपीपीएससी की तैयारी
पिता ने बताया कि जब संघ लोक सेवा आयोग के मौके खत्म हो गए तो अतुल तैयारी जारी रखते हुए यूपीपीएससी की परीक्षाओं में शामिल होने लगा. सबसे पहले उसका चयन बीडीओ में हुआ. जहां ज्वाइन करने के बाद छह माह का अवैतनिक अवकाश लिया. इस दौरान वो तैयारियों में जुटा रहा. उसका चयन एसीएफ के लिए हुआ. जिसके बाद उसने बीडीओ के पद से त्यागपत्र दे दिया. मौजूदा समय में उसकी कोयम्बटूर में एसीएफ की ट्रेनिंग चल रही है. पिता ने आगे बताया कि अब एसीएफ की ट्रेनिंग को छोड़ना पड़ेगा तभी एसडीएम की ट्रेनिंग में जा सकेगा.
पिता को जहां एक तरफ बेटे की सफलता से खुशी है ते वहीं एक मलाल भी है. वो कहते हैं कि अगर संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में एक नम्बर से न रुका होता तो आज अतुल आईएफएस होता. उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी भी चाहती थी एसडीएम में सेलेक्शन हो जाए जो आज हो गया. बता दें अतुल की शादी पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर में हुई है. उनकी पत्नी पोस्टग्रेजुएट हैं. वो दो बच्चे के पिता भी हैं. अतुल मांधाता ब्लाक के गोसाई पुर के रहने वाले है, गांव में अच्छी हैसियत और रसूखदार परिवार है कोठी और खेतीबारी भी है. लेकिन गांव में कभी-कभी ही आना जाना होता है. पूरा परिवार प्रयागराज में ही रहता है.