UP News: राज्य निर्वाचन आयोग (Election Commission) दिसंबर के दूसरे हफ्ते में निकाय चुनाव (Nikay Chunav) के तारीखों की घोषणा कर सकता है. 2017 के मुकाबले इस बार 17 नगर निगमों (Municipal Corporation) में से ज्यादातर पर मेयर पद के चेहरे बदल जाएंगे क्योंकि मेयर पद के लिए जो आरक्षण जारी किया गया है उसमें काफी बदलाव किए गए हैं. इस बार 17 नगर निगमों में मेयर के लिए जो सीटें आरक्षित की गई है उसमें अनुसूचित जाति (Schedule Cast) के लिए कुल दो सीटें आरक्षित की गई है जिसमें एक महिला की सीट भी शामिल है. 


वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए कुल चार सीट आरक्षित की गई हैं इसमें 2 सीटें पिछड़ा वर्ग महिला के इसके लिए हैं. इसके अलावा तीन सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है. इस बार अनारक्षित सीटों की संख्या केवल आठ है. जिन नगर निगमों में इस बार मेयर के चेहरे बदल जाएंगे उनमें से मथुरा, वृंदावन, मेरठ, सहारनपुर, कानपुर, गाजियाबाद, लखनऊ और फिरोजाबाद शामिल है. 2017 में लखनऊ की मेयर की सीट महिला के लिए रिज़र्व थी लेकिन इस बार इसे अनारक्षित रखा गया है, ऐसे में बदलाव संभव है.


इन सीटों पर दिखेगा बदलाव


मथुरा-वृंदावन की सीट एससी के लिए रिजर्व थी, इस बार ओबीसी महिला के लिए रिजर्व रखी गई है.  मेरठ की सीट 2017 में एससी महिला के लिए रिजर्व थी तो इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए रिज़र्व की गई है. फिरोजाबाद की भी सीट ओबीसी महिला के लिए रिज़र्व थी इस बार उसे अनारक्षित कैटेगरी में रखा गया है. वाराणसी की सीट ओबीसी महिला के लिए थी वह भी अनारक्षित रखी गई है. सहारनपुर की सीट 2017 में ओबीसी के रिज़र्व थी तो अब महिला के लिए रिज़र्व की गई है. ऐसे में यहां पर भी बदलाव देखने को मिलेगा. शाहजहांपुर जो पहली बार नगर निगम बना है उस सीट को भी अनरिजर्व कैटेगरी में रखा गया है.


नए चेहरे पर दांव आजमा सकती है बीजेपी


 उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य हो या फिर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक दोनों ही दावा कर रहे हैं कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में ज्यादा सीटें बीजेपी ही जीतेगी. आरक्षण में बदलाव के चलते इस बार बीजेपी नए चेहरों पर दांव आजमा सकती है लेकिन उसके लिए यह बदलाव इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि 2024 में लोकसभा के भी चुनाव होने हैं और पार्टी यह नहीं चाहेगी कि किसी भी बिरादरी की नाराजगी उसे चुनाव में झेलनी पड़े. इस बार स्थानीय निकाय के चुनाव में कुल वोटर लगभग 4 करोड़ 85 लाख है, जो वर्ष 2017 के मुकाबले 70 लाख अधिक है.


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