Amethi Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में हॉट सीटों में शुमार अमेठी सीट भी बेहद खास थी. इस सीट पर मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी ने पिछले चुनाव में राहुल गांधी को चुनाव में हराया था और इस बार वह लगातार राहुल गांधी को ललकार कर इस सीट पर बुलाना चाहती थी और राहुल गांधी के इस सीट पर चुनाव न लड़ने पर भाजपा ने राहुल गांधी के "भाग जाने" का भी नारा दिया और कहा कि राहुल गांधी स्मृति ईरानी से डर कर भाग गए. वहीं इस सीट पर कांग्रेस पार्टी ने अपने बेहद करीबी और चार दशकों से अमेठी के लोगों के बीच रहने वाले किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया जिन्होंने स्मृति ईरानी को 1,67,256 वोटो से हराया.
अमेठी जिले के पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार शीतला मिश्रा ने एबीपी लाइव से बातचीत में अमेठी के हार के कारण बताए. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा कारण तो कांग्रेस पार्टी के पांच न्याय गारंटीयों को कांग्रेस पार्टी द्वारा लोगों तक पहुंचा पाना और भाजपा का उसका तोड़ न लोगों को बता पाना था. इसके अलावा कई लोकल मुद्दे थे जो स्मृति ईरानी के हारने का कारण बने. इसमें एक मुद्दा चुनाव के पहले दूसरे दलों ने नेताओं को भाजपा के पक्ष में लाने का रहा. जिन बाहरी नेताओं को पिछले कुछ दिनों में भाजपा में शामिल कराया गया उनका रिएक्शन बड़ा हुआ और भाजपा का मूल कार्यकर्ता शांत बैठ गया.
अपनों की नाराजगी बनी हार की वजह
उन्होंने कहा कि मूल कार्यकर्ता को लगा कि जो लोग आए हैं उन्हें ही आने वाले दिनों में पद और सम्मान मिलेगा. इसके अलावा एक और कारण संजय सिंह की नाराजगी का भी रहा. संजय सिंह 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा के सिंबल पर लड़कर हार चुके हैं और वो अपने हारने के कारण में पार्टी के नेताओं को जिम्मेदार मानते हैं. इस चुनाव में उनसे किसी ने कहीं कोई समर्थन नहीं मांगा न ही कोई उनसे मिलने गया. हालांकि संजय सिंह ने मुखर रूप से कहीं स्मृति का विरोध नहीं किया लेकिन उनके खुलकर समर्थन न करने पर उनके वोटरों ने स्मृति का साथ नहीं दिया.
पत्रकार अखिलेश सोनी ने स्मृति के हार के कारणों पर चर्चा करते हुए कहा कि स्मृति ईरानी ने पुराने भाजपाइयों को खूब नाराज किया और नए भाजपाइयों को खूब तवज्जो दी. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चुनाव में जिले के दो विधायकों का भाजपा के पक्ष में समर्थन करने से भाजपा के उस विधानसभा के नेताओं में असंतोष जागा जिससे उन्होंने भाजपा के पक्ष में कोई माहौल नहीं बनाया. इसके साथ ही स्मृति के करीबी लोगों से भी कई आम लोगों की नाराजगी थी. स्मृति के करीबी लोगों ने जिले में अलग-अलग वर्गों के बीच में असंतोष पैदा किया था जिससे उनमें नाराजगी थी.इसके अलावा ठाकुर बाहुल्य क्षेत्रों में संजय सिंह की नाराजगी का भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.
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