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UP Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए बीजेपी का प्लान, अल्पसंख्यक मोर्चे के नेताओं को सौंपी ये जिम्मेदारी

UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि पार्टी ने इस बार मुस्लिम वोट बैंक पर विशेष फोकस कर रही है.

UP Lok Sabha Chunav 2024: चुनावों में मुस्लिम वोटों को लेकर हमेशा खींचतान देखने को मिलती है. लोकसभा के मौजूदा चुनावों में भी कुछ ऐसा ही है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां सपा, बसपा, कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी के साथ ही तमाम दूसरे दल भी मुस्लिम वोटरों को रिझाने में जी जान से जुटे हैं, लेकिन इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी खामोशी से खेल करने की कोशिश में हैं. 

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों के दो वर्गों पर खास ध्यान दे रही है. पहला महिलाओं पर और दूसरा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने वाले लाभार्थियों पर. वैसे भारतीय जनता पार्टी का खास फोकस मुस्लिम महिला लाभार्थियों के जरिये अपना वोट बैंक बढ़ाने पर है.    

मुस्लिम महिलाओं में भरोसा पैदा करने की कोशिश
बीजेपी ने इसके लिए पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारियों को लगाया है. उन्हें लाभार्थियों की सूची दी गई है. गांवों  और गलियों में इन मुस्लिम महिला लाभार्थियों की चौपाल लगाई जा रही है. चौपाल में उन्हें यह बताया जा रहा है कि अगर उन्हें योजनाओं का लाभ आगे भी बरकरार रखना है तो नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट करना होगा.

अगर कोई दूसरी सरकार सत्ता में आ गई तो वह इन योजनाओं को बंद कर सकती है. लाभार्थियों के साथ ऐसी महिलाओं को भी चौपाल में इकठ्ठा किया जा रहा है, जिन्हें अभी तक योजनाओं का लाभ नहीं मिला है, लेकिन वह पाना चाहती हैं.

'मुस्लिम महिलाओं में पीएम की लोकप्रियता में इजाफा'
अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारी चौपाल में मौजूद बाकी मुस्लिम महिलाओं को भी यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी भेदभाव के सबके लिए काम करते हैं और योजनाएं चलाते हैं. अगर मुस्लिम समुदाय की तमाम महिलाओं को मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है, तो बाकियों को भी जल्द ही मिलेगा और वह इससे अछूती नहीं रहेंगी.

प्रयागराज में अल्पसंख्यक मोर्चे की तरफ से जगह-जगह चौपाल लगाने वाले बीजेपी नेता राहिल हसन, राशिद राईन और मरियम खान के मुताबिक सम्मान- सुरक्षा और योजनाओं के लाभ से मुस्लिम महिलाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ती जा रही है.    

कार्यकर्ताओं को शोरशराबे से बचने की सलाह
बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारी ने दावा किया कि मुस्लिम महिलाएं योजनाओं का लाभ हासिल करने या उन्हें बरकरार रखने के लिए फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहती हैं. उन्हें अपने वोट की ताकत से देश की कमान सौंपना चाहती हैं. तमाम मुस्लिम महिलाएं न सिर्फ अब खुलकर पीएम मोदी और उनकी पार्टी को वोट देने के दावे कर रही हैं, बल्कि भीषण गर्मी में बुर्के में सड़कों पर निकलकर बीजेपी का प्रचार भी कर रही हैं. 

बीजेपी ने मुस्लिम महिला लाभार्थियों के बीच काम करने वाले अल्पसंख्यक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को हिदायत दी है कि वह किसी भी शोर शराबे से बचें. इसकी बजाय वह दस- दस, बीस- बीस महिलाओं की चौपाल लगाएं. उन्हें योजनाओं की जानकारी दें. योजनाओं के लाभ से जीवन में हुए बदलाव के बारे में जानें और उनमे योजनाओं के जरिये आत्मविश्वास, सम्मान और लाइफ स्टाइल बेहतर करने की ललक पैदा करें. 

मिनी चौपाल का दिख रहा है असर
बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि ऐसा होने से मुस्लिम महिलाएं खुद ही प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी से जुड़ती जाएंगी. बीजेपी नेता राहिल हसन, राशिद राईन और मरियम खान के मुताबिक, महिलाओं के जुड़ने से पुरुष सदस्यों की सोच भी बदलेगी. बीजेपी की इन चौपालों में शामिल बुर्कानशीं महिलाएं तो अब तमाम विपक्षी नेताओं पर निशाने भी साध रही हैं.

उनका कहना है कि दूसरी पार्टियों ने उन्हें सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया, लेकिन मोदी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के उनके चेहरे पर मुस्कान और जीवन में खुशहाली लाने का काम किया है. प्रयागराज समेत उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों में मुस्लिम महिलाओं के बीच बीजेपी की यह मिनी चौपाल खूब असर कर रही है. पार्टी का मानना है कि मुस्लिम महिला लाभार्थी इस चुनाव में उसकी जीत का मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकती हैं.

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