UP Lok Sabha Result 2024: चंदौली लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के वीरेंद्र सिंह ने बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री रहे डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे को 21565 वोट से शिकस्त दी है. 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के प्रचंड लहर में उन्होंने जीत हासिल की थी. हालांकि इस बार उनके जीत पर संशय शुरू से ही जताया जा रहा था लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि महीनो पहले ही मैदान में कूदे समाजवादी पार्टी के वीरेंद्र सिंह ने डॉ महेंद्र नाथ पांडे को हराते हुए अपना पुराना दमखम दिखा दिया . चंदौली केवल वाराणसी की लोकसभा सीट से सटा हुआ एक जनपद ही नहीं है बल्कि खुद बीजेपी का सबसे बड़ा गढ़ माने जाने वाले वाराणसी जनपद में प्रमुख दो विधानसभा अजगरा और शिवपुर चंदौली लोकसभा सीट के ही अंतर्गत आती हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने जब केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे को 2024 लोकसभा चुनाव के लिए एक बार फिर चंदौली लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था. राजनीतिक विश्लेषकों ने इस बात का अंदाजा पहले ही लगा दिया था कि बीजेपी के दिग्गज नेता के लिए इस बार यहां से जीतना आसान नहीं होगा. इसके पीछे कई प्रमुख वजह है. लोगों का कहना है कि चंदौली के सांसद और केंद्रीय मंत्री रहते हुए भाजपा नेता उनसे कभी नहीं मिलते. उनकी बात तक मंत्री जी तक नहीं पहुंच पाती. इसके साथ ही खुद बीजेपी नेता के कई साथी कार्यकर्ता भी अनदेखी से नाराज चल रहे थे जिन्होंने शुरू में ही अपने बगावती तेवर दिखा दिए थे.
वहीं तीसरी सबसे प्रमुख वजह की चुनाव के ठीक पहले राजपूत समाज ने सीधे तौर पर इनके खिलाफ चुनावी प्रचार प्रसार का अभियान छेड़ दिया था. और इस अभियान कों धार तब मिली जब समाजवादी पार्टी ने चंदौली लोकसभा सीट से ही एक राजपूत उम्मीदवार और पूर्व मंत्री रहे वीरेंद्र सिंह को मैदान में उतार दिया. चौथी प्रमुख वज़ह की बड़े प्रोजेक्ट के अलावा सीधे जनता से जुड़ी योजनाएं और समस्याओं के समाधान के लिए बीते 10 वर्षों में नियमित अंतराल पर केंद्रीय मंत्री का लोकसभा क्षेत्र में न उतरना भी कारण माना जा रहा है.
महीनों भर में ही कमाल कर गए वीरेंद्र
लोकसभा चुनाव 2024 के बिगुल बजने से कुछ हफ्ते पहले तक किसी ने अंदाजा नहीं लगाया था कि चंदौली लोकसभा सीट पर वाराणसी के वीरेंद्र सिंह उम्मीदवार होंगे. टिकट मिलने के बाद से ही चंदौली की लोकसभा सीट पर वीरेंद्र सिंह का ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार प्रसार काम आया और साथ ही समाजवादी पार्टी के कोर वोटर के साथ-साथ इन्हे सवर्ण वोट भी खूब मिले. हालांकि शुरुआती दिनों में वीरेंद्र सिंह के उम्मीदवार बनने के बाद चंदौली लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय समाजवादी पार्टी बड़े नेताओं ने विरोध भी जताया था.
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