UP Lok Sabha Election Results 2024: उत्तर प्रदेश मे लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद समाजवादी पार्टी ने इतिहास रच दिया है, जहां पहली बार उत्तर प्रदेश में 35 सीट हासिल की तो वहीं इटावा जिला पहली बार एक ऐसा इकलौता जिला बन गया है, जिसने 6 सांसद उत्तर प्रदेश में अलग अलग लोकसभा को दिए हैं, जहां पांच सांसद सपा परिवार से हैं तो वहीं एक सांसद इटावा जिले से इटावा लोकसभा को दिया हैं. समाजवादी पार्टी सहित कार्यकर्त्ताओ में इस जीत का चारों तरफ जश्न है और आगे विधानसभा चुनाव की तस्वीर साफ करते भी नजर आ रहे हैं.


इटावा समाजवादी पार्टी का गढ़ और गृह जनपद है, जहां से इस पार्टी के संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह ने इस जिले से राजनीती की शुरुआत की थी और धीरे धीरे उत्तर प्रदेश की बड़ी पार्टी बनी, जहां 2012 मे अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपी में इस पार्टी का वर्चुस्व कम हुआ, लेकिन विपक्ष को करारी टक्कर भी दी. 


डिंपल यादव ने मारी बाजी


सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा से टिकट दिया तो बीजेपी ने जयवीर सिंह को. जिसमें डिंपल यादव ने 598526 वोट हासिल करते हुए 221639 वोटों से एक बार फिर जीत हासिल की. वहीं बीजेपी प्रत्याशी जयवीर को 376887 वोट ही मिल सके..


अखिलेश यादव ने दर्ज की जीत 


वहीं कन्नौज लोकसभा सीट से अखिलेश यादव खुद प्रत्याशी के रूप मे मैदान में उतरे. बीजेपी ने भी कन्नौज से एक बार फिर वर्तमान सांसद सुब्रत पाठक पर भरोसा जताया और टिकट दिया, जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 642292 वोट हासिल किए. तो वहीं बीजेपी से प्रत्याशी सुब्रत पाठक को 471370 मत मिले, जिसमें सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव ने 170922 मतों से जीत हासिल की.


अजमगढ़ से सपा प्रत्याशी ने मारी बाजी 


वहीं अजमगढ़ से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को को टिकट दिया, जिसमें उनको 508239 वोट मिले. जिसके जबाब मे बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ को महज 347204 मत ही मिल सके और सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने 161035 वोटो से जीत हाशिल की.


शिवपाल यादव के बेटे ने जीत दर्ज की 


बदयूं सीट की अगर बात की जाए तो इस सीट पर अखिलेश यादव ने तीन बार टिकट का बदलाव किया, जहां शिवपाल चाचा का टिकट फाइनल किया, लेकिन इस सीट पर शिवपाल यादव ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया और अंत मे अपने बेटे आदित्य को बदयूं सीट से टिकट दिलवाया, जिसके बाद बीजेपी ने इस सीट पर दूरविजय सिंह शाक्य को टिकट दिया. इस सीट पर हार जीत पर अंत तक दोनों प्रत्याशीयो में उतार चढ़ाव देखने को मिला, जहां सपा प्रत्याशी आदित्य यादव को 501855 वोट मिले तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी को 466864 वोट ही मिल सके और सपा प्रत्याशी को  34991 वोटों से जीत मिली.


फिरोजाबाद से यादव परिवार के सदस्य ने दर्ज की जीत 


फिरोजाबाद सीट सपा की ही सीट अक्सर मानी गई है और इस बार सपा ने अपने चचेरे भाई अक्षय यादव को टिकट दिया, जहां जनता ने सपा पर भर पूर्ण भरोसा जताया और सपा प्रत्याशी 543037 मत दिए. वहीं बीजेपी प्रत्याशी विश्वदीप सिंह को टिकट दिया, जहां उनको जनता ने 453725 वोट दिए और सपा प्रत्याशी की 89312 वोटो से जीत हासिल की.


इटावा सीट से सपा के इस प्रत्याशी ने दर्ज की जीत 


इटावा लोकसभा सीट की अगर बात की जाए तो यह सीट समाजवादी पार्टी के गृह जनपद की सीट है और साल 2014 से यह सीट बीजेपी के पाले में जा रही थी. इस सीट पर सपा ने नए चेहरे के रूप मे जितेन्द्र दोहरे को मैदान में उतरा तो वह बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद रामशंकर कठेरिया पर भरोसा जताया और टिकट दिया, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी को टिकट मिलने से जनता मे नाराजगी दिखी और विरोध भी हुआ, जिसका फायदा सपा ने उठाया और सपा ने अपने गृह जनपद इटावा की सीट हाशिल करने के लिए जोरदार मेहनत की और उस मेहनत पर परिणाम भी पाया. सपा प्रत्याशी ने शरूआती दौर से ही बीजेपी प्रत्याशी से बढ़ता हासिल करते हुए 490747 मत हासिल किए, तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी ने 432328 मत ही मिले. इस दौरान सपा ने 58419 मतों से जीत हासिल की.


सपा को यूपी में मिले 35 सीट 


सपा को उत्तर प्रदेश मे 35 सीटे लोकसभा की आने के बाद विधानसभा की तस्वीर भी साफ कर दी हे यूपी मे इंडिया गठबंधन सफल रहा और आगे भी यह गठबंधन कितना मज़बूत रहा पता हे.


(सुमित कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)


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