कौशांबी से सपा के पुष्पेंद्र सरोज ने मारी बाजी, 25 साल के युवा ने दो बार के बीजेपी सांसद को हराया
UP Lok Sabha Election Result 2024: कौशांबी सीट से सपा उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज ने बीजेपी उम्मीदवार विनोद कुमार सोनकर को हरा दिया है. जीत के बाद अपने क्षेत्र में विकास करने का दावा किया है.
UP Lok Sabha Election Results 2024: यूपी की कौशांबी सुरक्षित सीट से चुनाव जीतने वाले समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज देश के सबसे युवा सांसद हैं. वह इसी साल मार्च महीने में चुनाव तारीखों के एलान से महज दो हफ्ते पहले ही 25 साल के हुए हैं. पुष्पेंद्र सरोज ने बीजेपी के दिग्गज नेता, पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री और यहीं से लगातार 10 सालों तक सांसद रहे विनोद सोनकर को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया है.
पुष्पेंद्र सरोज समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव और यूपी में कई बार कैबिनेट मंत्री रहे इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं. वह कुछ दिनों पहले ही लंदन से अपनी पढ़ाई पूरी कर वापस लौटे हैं. पुष्पेंद्र सरोज को अपने चुनाव जीतने की खुशी तो है, लेकिन इस बात का मलाल भी है कि केंद्र में उनकी सरकार नहीं बन सकी.
लोगों की समस्या को दूर करने की कोशिश करेंगे?
पुष्पेंद्र के मुताबिक अगर केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार भी बन जाती तो वह अपने क्षेत्र का ज्यादा विकास कर पाते. लोगों को नौकरी और रोजगार दिला पाते. हालांकि उनका कहना है कि सरकार न बनने के बावजूद वह क्षेत्र की समस्याओं को लेकर न सिर्फ सड़क से संसद तक आवाज उठाने का काम करेंगे, बल्कि अपने स्तर से लोगों की समस्याओं को दूर करने और उनके दुख दर्द को बांटने की कोशिश भी करेंगे.
पुष्पेंद्र के मुताबिक उनके पिता इंद्रजीत सरोज ने कौशांबी को जिला बनाने से लेकर वहां विकास की गंगा बहाने का जो काम किया है, उसने उनकी जीत में बहुत अहम भूमिका निभाई है. पुष्पेंद्र सरोज ने कुंडा के विधायक और जनसत्ता दल के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी आभार जताया है. राजा भैया के प्रभाव वाला कुंडा और बाबागंज इलाका भी कौशांबी लोकसभा में ही आता है. राजा भैया ने इस सीट पर पुष्पेंद्र सरोज को समर्थन कर दिया था. उनके समर्थकों ने पुष्पेंद्र के लिए प्रचार किया था और वोट भी दिलाए थे.
निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर पर साधा निशाना
पुष्पेंद्र के मुताबिक निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर ने 10 सालों तक कौशांबी में कोई काम नहीं किया. लोगों को बुरा भला कहते रहे. उनके रवैये से लोगों में बहुत नाराज थे. उन्हें इसका भी फायदा मिला. उनके चुनाव में अग्निवीर योजना और बेरोजगारी के साथ ही संविधान बढ़ाने और आरक्षण बचाने के मुद्दे भी काफी प्रभावी साबित हुए.
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