UP Lok Sabha Election 2024: गाजीपुर सीट से अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत लड़ेंगी चुनाव? खरीदा गया नामांकन पत्र
UP Lok Sabha Elections 2024: सपा ने गाजीपुर सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है. इस बीच अफजाल की बेटी नुसरत अंसारी के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है.

UP Lok Sabha Elections 2024: गाजीपुर में मुख्तार अंसारी की भतीजी और सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी के चुनाव लड़ने की चर्चा और तेज हो गयी है, क्योंकि आज मंगलवार (7 मई) को नुसरत अंसारी के नाम से 4 सेट में नामांकन पत्र लिया गया है. अफजाल अंसारी के नाम से भी 4 सेट में नामांकन पत्र लिया गया है. सातवें चरण के लिये आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई है और पहले ही दिन नुसरत अंसारी के नाम से नामांकन पत्र लिया गया है. जिससे नुसरत के चुनाव लड़ने की संभावना बढ़ गयी है. आज कुल 19 प्रत्याशियों के नाम से नामांकन पत्र लिए गए हैं, जिनमें बीजेपी प्रत्याशी पारसनाथ और बसपा प्रत्याशी उमेश कुमार सिंह भी शामिल हैं.
नुसरत अंसारी करीब एक सप्ताह पहले उस समय चर्चा में आयी थीं जब वो चुनाव प्रचार में उतरीं. चुनाव प्रचार में उतरने के साथ ही नुसरत एक शिव मंदिर में भी गईं और वहां पूजा- अर्चना किया. वो कुर्था के पवहारी बाबा आश्रम भी पहुंचीं थीं और वहां पूजा किया. पवहारी बाबा आश्रम जनपद की एक मुख्य धार्मिक स्थल है और वहां स्वामी विवेकानंद करीब तीन महीने लगातार रुके थे. कहा जाता है कि उस समय पवहारी बाबा ध्यान में लीन थे और स्वामी विवेकानंद ने उनके दर्शन के लिए तीन महीने तक इंतजार किया था.
क्या चुनाव लड़ेंगी नुसरत अंसारी?
चुनाव प्रचार में उतरने और धार्मिक स्थलों में जाने की वजह से नुसरत के चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जाने लगी. इसी बीच 1 मई को सपा कार्यालय में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई और उस बैठक में अफजाल अंसारी ने नुसरत को लांच कर दिया और इस बात को साफ कर दिया कि यदि किसी कारणवश वो चुनाव नहीं लड़ पाते हैं तो नुसरत ही उनकी राजनीतिक विरासत को आगे लेकर जाएंगी.
जानें नुसरत की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में
नुसरत ने स्नातक की पढ़ाई दिल्ली के नामचीन लेडी श्रीराम कालेज से किया है. उन्होंने 2014 में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है. उन्होंने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस से रूरल डेवलोपमेन्ट प्लानिंग में पढ़ाई की है. उन्होंने अपना पाठ्यक्रम 2017 में पूरा किया है. पिछले 10 सालों से वह एक दास्तानगो के तौर पर भी सक्रिय हैं. इसको लेकर उन्होंने कई संस्थानों और स्कूलों के साथ के साथ कार्यशाला आयोजित किया है. वह एनएसडी और अशोक यूनिवर्सिटी के साथ भी जुड़ी हुई हैं. वह सबसे कम उम्र की दास्तानगो(दास्तान सुनाने वाले)बताई जाती हैं.
दास्तानगोई किस्सा कहानी कहने की एक कला है. एक हजार साल पहले अरबी नायक अमीर हम्जा के शौर्य और साहसिक कार्यों को दास्तान के रूप में सुनाने से शुरू हुई. कहा जाए तो अब गाजीपुर की राजनीतिक तस्वीर लगभग साफ हो गई है. 13 मई को अफजाल अंसारी की इलाहाबाद हाइकोर्ट में गैंगस्टर मामले में सुनवाई होनी है और यदि सुनवाई टलती है या अफजाल की 4 साल की सजा बरकरार रहती है तो नुसरत का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.
(आशुतोष त्रिपाठी की रिपोर्ट)
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