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UP Lok Sabha Election 2024: AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं अखिलेश के करीबी, लोकसभा में इन सीटों पर पड़ सकता है असर

UP Lok Sabha Chunav 2024: हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश की 25 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. आइए जानते हैं उनकी पार्टी ने यूपी में कब कदम रखा था.

UP Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन या AIMIM लोकसभा चुनाव ताल ठोकने के लिए तैयार है. हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ समझौता करना चाहती थी, लेकिन बात नहीं बनने पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान हुआ. अब AIMIM ने चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल के साथ नए मोर्चे का ऐलान कर दिया है. असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली पीडीएम (PDM) न्याय मोर्चा  को लेकर इन दिनों उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज है.

उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM  और उनका अलायंस यूपी की 25 सीटों पर चुनाव लड़गी. पार्टी ने कहा है कि जल्द ही 25 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होगी.  AIMIM ने उत्तर प्रदेश में अपना सियासी सफर  साल 2017 विधानसभा चुनाव में शुरू किया था.

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने कब रखा यूपी में कदम? 

AIMIM ने यूपी की राजनीति में कदम रखने के बाद विधानसभा की 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी एक भी सीट पर जीत दर्ज करने में नाकाम रही थी. इस चुनाव में पार्टी को 0.24 प्रतिशत वोट मिले थे. पार्टी का प्रदर्शन सबसे अच्छा संभल में रहा था. संभल की जनता ने AIMIM उम्मीदवार जिया-उर-रहमान को पसंद किया था और उनको वोट देकर इस चुनाव में दूसरे स्थान पर रखा था. जिया उर रहमान वही नेता हैं जिन्हें इस बार सपा ने संभल से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है.

यूपी की जनता ने AIMIM को नहीं दी तरजीह!

AIMIM ने 2017 में यूपी विधानसभा का चुनाव 38 सीटों पर लड़ा था. लेकिन 37 सीटों पर उसकी जमानत तब्त हो गई थी. AIMIM को 2 लाख 4 हजार 142 वोट मिले थे. AIMIM ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा था, वो मुख्यतौर पर पश्चिम उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल सीटें थीं. लेकिन परिणाम देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मतदाताओं ने उन्हें बहुत तरजीह नहीं दी.

संलभ सीट पर सपा का दबदबा 

संभल विधानसभा सीट आजादी के बाद हुए पहले चुनाव के बाद ही अस्तित्व में आई. संभल विधानसभा सीट 1974 के बाद से ही सपा के दिग्गज नेता शफीकुर्रहमान बर्क और नवाब इकबाल महमूद का गढ़ रही है. संभल सीट पर सपा का दबदबा रहा है. इस सीट से शफीकुर्रहमान बर्क चार बार विधायक रहे तो वहीं इकबाल महमूद ने छह दफे इस सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया. 

2017 में इस सट से किसने मारी बाजी 

समाजवादी पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में संभल विधानसभा सीट से इकबाल महमूद को टिकट दिया. तो वहीं सपा से टिकट नहीं मिलने पर शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने बेटे जिया-उर-रहमान को ओवैसी की पार्टी AIMIM से चुनावी मैदान में उतार दिया. इस सीट से बीजेपी ने डॉक्टर अरविंद को उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में सपा के इकबाल महमूद ने जिया-उर-रहमान को करीब 18 हजार वोटों से हरा दिया था.

मुस्लिम वोटों पर असदुद्दीन ओवैसी की नजर

लोकसभा चुनाव 2024 में AIMIM की अगुवाई वाली अलायंस की उत्तर प्रदेश की 25 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है. उसकी नजर दलित और मुस्लिम वोटों पर है. जिनकी आबादी उत्तर प्रदेश में 40 फीसदी से अधिक है, लेकिन उत्तर प्रदेश में मुसलमान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को वोट करते हैं, लेकिन ओवैसी अब इसमें सेंध लगाने की कोशिश में हैं. ओवैसी के इस कदम से सपा और बसपा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. असदुद्दीन ओवैसी न बीजेपी और कांग्रेस से समझौता करेंगे और न सपा से बात बन पाई है. ऐसे में उन्होंने पल्लवी पटेल से साथ एक पीडीए न्याय मोर्चा की शुरुआत की है इसलिए उनके प्रदर्शन पर सबकी नजर रहेगी.

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: दल मिले दिल नहीं! कांग्रेस के कार्यक्रम से अखिलेश यादव ने बनाई दूरी

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