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UP Lok Sabha Election 2024: आजमगढ़ सीट से इस दिग्गज नेता पर दांव लगा सकती है BSP, सियासी हलकों में चर्चा

UP Lok Sabha Chunav 2024: आजमगढ़ लोकसभा सीट को लेकर सपा-बीजेपी ने उम्मीदवार के नाम घोषित कर चुके हैं, लेकिन बसपा ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं. इस नेता पर पार्टी चुनावी मैदान में उतार सकती है.

UP Lok Sabha Elections 2024: बहुजन समाज पार्टी आजमगढ़ लोकसभा सीट से अपने पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी को एक बार फिर प्रत्याशी बना सकती है. अकबर अहमद डंपी ने पहली बार 1996 में तिवारी कांग्रेस के टिकट पर आजमगढ़ लोकसभा से चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में वे चुनाव हार गए. समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रमाकांत यादव को 161586 वोट मिले थे तो बसपा के राम कृष्ण यादव को 139505 वोट मिले थे. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के रमाकांत यादव 22081 वोटों से चुनाव जीते थे.

इसके बाद अकबर अहमद डंपी ने बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और उन्होंने 1998 का लोकसभा चुनाव बसपा की टिकट पर लड़ा. इस चुनाव में अकबर अहमद डंपी 249065 वोट पाकर 5365 वोटों से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. जबकि समाजवादी पार्टी के रमाकांत यादव को 243700 वोट मिले. 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा के अकबर अहमद डंपी को 200637 वोट मिले, जबकि समाजवादी पार्टी के रमाकांत यादव 227616 वोट मिले तो वहीं बीजेपी के रामसूरत को 161878 वोट मिले. इस चुनाव में रमाकांत यादव  26997 वोटों से चुनाव जीत गए थे.

रमाकांत यादव ने मारी बाजी

2004 लोकसभा चुनाव के पहले रमाकांत यादव ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. बीएसपी ने 2004 में रमाकांत यादव को अपना प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में रमाकांत यादव  258216 वोट मिले तो सपा के दुर्गा यादव 251248 वोट मिले. रमाकांत यादव 6968 वोट से एक बार चुनाव जीत गए.

बसपा प्रत्याशी ने रमाकांत यादव को दिया चुनाव में पटखनी 

रमाकांत यादव के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के कारण आजमगढ़ में 2008 में उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में बीजेपी की ओर से रमाकांत यादव प्रत्याशी बने और समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ नेता बलराम यादव को प्रत्याशी बनाया, तो वहीं बसपा ने अपने पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी को प्रत्याशी बनाया. इस उपचुनाव में अकबर अहमद डंपी को 227341 वोट मिले तो बीजेपी के रमाकांत यादव को 173089 वोट मिले, वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बलराम यादव को 156621 वोट मिले. इस उपचुनाव में बसपा के अकबर अहमद डंपी 54252 वोटों से विजई हुए.

रमाकांत यादव ने एक बार फिर मारी बाजी

2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर रमाकांत यादव को 247648 वोट मिला. बसपा के अकबर अहमद 198609 वोट मिले तो सपा के दुर्गा प्रसाद यादव 123844 वोट मिले. इस चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रमाकांत यादव विजय हुए.

हार के बाद राजनीति से दूर होते गए अकबर अहमद डंपी 

2009 की हार के बाद अकबर अहमद डंपी आजमगढ़ की राजनीति से दूर होते गए और 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने मुबारकपुर से विधायक शाह आलम और गुड्डू जमाली को प्रत्याशी बनाया.  इस चुनाव में बसपा और बीजेपी का सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के साथ था. 2014 की लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव 340306 वोट पाकर 63204 वोटों से चुनाव जीत कर आजमगढ़ से सांसद चुने गए. तो वहीं बीजेपी के रमाकांत को 277102 वोट मिले और बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को 266528 वोट मिले थे.

2019 में अखिलेश यादव ने लहराया जीत का परचम

2019 का लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के साथ दोनों पार्टियों ने लड़ा. इस चुनाव में गठबंधन प्रत्याशी के रूप में अखिलेश यादव चुनाव मैदान में थे, जिनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ से हुआ और इस चुनाव में अखिलेश यादव 621578 वोट पाकर 259874 वोटों से चुनाव जीते. बीजेपी के दिनेश लाल निरहुआ को 361704 वोट मिले.

उपचुनाव में बीजेपी के खाते में गई आजमगढ़ की सीट

2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव विधानसभा सदस्य चुने जाने के कारण उन्होंने आजमगढ़ लोकसभा सीट से त्यागपत्र दे दिया. जिसके कारण 2022 में ही आजमगढ़ में उपचुनाव हुआ और इस उप चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ने सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को 8679 वोट से पराजित करते हुए समाजवादी पार्टी की इस मजबूत सीट को बीजेपी के खाते में डाल दिया. बीजेपी के निरहुआ को 312768  वोट मिले तो सपा के धर्मेंद्र यादव को 304089  वोट मिले थे. बसपा के गुड्डू जमाली 266210 वोट पा कर तीसरे नंबर पर रहे.

आजमगढ़ की इस जीत से बीजेपी काफी उत्साहित नजर आ रही है. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ को एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है, तो समाजवादी पार्टी ने अपने पूर्व प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. 

बसपा ने अपना पत्ता नहीं खोला है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं और सूत्रों की मानें तो अकबर अहमद डंपी और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच बात लगभग फाइनल हो गई है. अकबर अहमद डंपी आजमगढ़ लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी हो सकते हैं. इस बात को और बल मिलता है कि अकबर अहमद डंपी 28 मार्च को लखनऊ पहुंच रहे हैं और लखनऊ में ही टिकट को लेकर अंतिम निर्णय होना है.

कौन हैं अकबर अहमद डंपी?

अकबर अहमद डंपी मूल रूप से आजमगढ़ जिले की आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र के बिंदवल गांव के रहने वाले हैं. इनके दादा, सर इकबाल अहमद अंग्रेजी शासन काल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं. इनके पिता इस्लाम अहमद उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख रहे हैं. अकबर अहमद डंपी ने इंग्लैंड से चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई पूरी की है. अकबर अहमद डंपी संजय गांधी के गरीबी दोस्तों में रहे है. संजय गांधी की मौत के बाद गांधी परिवार और मेनका गांधी के बीच हुए मतभेद के बाद अकबर अहमद डंपी ने मेनका गांधी का खुलकर साथ दिया. मेनका गांधी के साथ मिलकर अकबर अहमद डंपी ने संजय विचार मंच का गठन किया और लंबे समय तक संजय विचार मंच के जरिए उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहे. मेनका गांधी का खुलकर साथ देने की वजह से अकबर अहमद डंपी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा था.

डंपी के प्रत्याशी बनने से रोचक होगा चुनाव

यदि अकबर अहमद डंपी  आजमगढ़ लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी बनते हैं तो निश्चित रूप से वह मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर आकर्षित कर आजमगढ़ में 2024 का लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय बना देंगे. जिसके चलते समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है और आजमगढ़ का लोकसभा चुनाव काफी रोचक बन जाएगा.

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Elections: बसपा ने उत्तराखंड की सभी सीटों पर किया उम्मीदवारों का एलान, इन्हें दिया मौका

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