UP Lok Sabha Election 2024: कानपुर में बीजेपी को रोकने के लिए आलोक मिश्रा ने बनाया खास प्लान, बनाई नई रणनीति
UP Lok Sabha Chunav 2024: पीएम मोदी कानपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी रमेश अवस्थी के लिए रोड शो किया. तो वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर बीजेपी की जीत को रोकने के लिए नई रणनीति बनाई है.
UP Lok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी ने कानपुर सीट और अकबरपुर सीट से बीजेपी उम्मीदवारों के लिए रोड शो किया. बीजेपी ने कानपुर सीट से रमेश अवस्थी को अपना उम्मीदवार बनाया है. तो वहीं अकबरपुर सीट से देवेंद्र सिंह भोले को टिकट दिया है. कानपुर सीट से कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं अकबरपुर सीट पर इंडिया गठबंधन ने सपा से उम्मीदवार दिया है. सपा ने पूर्व सांसद राजा रामपाल को टिकट दिया है.
हालांकि ये सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. यहां कांग्रेस 1952 से अब तक 7 बार जीत दर्ज कर चुकी है. तो वहीं बीजेपी 5 बार जीती लेकिन अब 2024 चुनाव में सपा कांग्रेस गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के खाते में हैं, जिसको लेकर अब गठबंधन छात्र संघ पदाधिकारियों के सहारे जीत की नई रणनीति का खाका तैयार कर चुकीं है.
पीएम मोदी ने किया रोड शो
कानपुर सीट से बीजेपी के नए प्रत्याशी रमेश अवस्थी के मैदान में उतरने और पुराने कद्दावर नेताओं को टिकट न मिलने से कानपुर सीट पर बीजेपी का समीकरण आपसी फूट से बिगड़ता हुआ दिखाई दे रहा था, लेकिन इस फूट को दूर करने के लिए पीएम ने कानपुर में एक बड़ा रोड शो किया. जिसने सभी नेताओं को एक साथ लेकर खड़ा कर दिया.
बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस की नई रणनीति
वहीं गठबंधन के प्रत्याशी और कांग्रेस पार्टी के नेता आलोक मिश्रा ने नई रणनीति के चलते सन 1985 के दौर से लेकर अब तक के सभी कानपुर विश्वद्यालय के छात्र नेता और पदाधिकारियों को अपनी जीत की सीधी बनाई है. क्योंकि लंबे समय से कानपुर में पढ़ने वाले कई दिग्गज छात्र राजनीति के सहारे प्रदेश और देश की राजनीति में बड़े मुकाम हासिल कर चुके हैं. ऐसे में मतदतों में एक बड़ी संख्या छात्रों की है और उन्हें साधने के लिए गठबंधन प्रत्याशी आलोक मिश्रा ने एक छात्र नेताओं और पदाधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन किया.
गठबंधन की नई रणनीति होगी कारगर साबित?
इस सम्मेलन में पुराने से लेकर नए छात्र नेता और अध्यक्ष और महामंत्री जैसे पदाधिकारियों को आमंत्रित कर चुनावी रणनीति का खाका तैयार कर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है. इस सम्मेलन में लगभग 200 विश्वविद्यालय के पूर्व से वर्तमान पदाधिकारी और छात्र नेताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, जो बीजेपी के लिए इस सीट पर मुश्किल बन सकती है. अब देखना होगा की बीजेपी के लिए बनाई गई गठबंधन की ये रणनीति जीत के लिए कितनी कारगर साबित होती है.
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