UP Lok Sabha Election 2024: गोरखपुर सीट से रवि किशन और काजल निषाद 10 मई को करेंगे नामांकन, समझें सियासी गणित
UP Lok Sabha Chunav 2024: गोरखपुर सीट से बीजेपी ने मौजूदा सांसद रवि किशन को मैदान में उतारा तो वहीं सपा ने काजल निषादल को टिकट दिया है. इस सीट पर 8 बार मंदिर के महंत सांसद चुने गए.
UP Lok Sabha Elections 2024: यूपी के गोरखपुर में अंतिम यानी सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा. सातवें चरण के लिए 7 मई से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बीजेपी प्रत्याशी सांसद रवि किशन और गठबंधन से सपा प्रत्याशी काजल निषाद 10 मई को नामांकन दाखिल करेंगे. रवि किशन के नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे. चुनाव के दौरान सभा और रोड शो भी होगा. गठबंधन से सपा प्रत्याशी काजल निषाद भी 10 मई को नामांकन दाखिल करेंगी. काजल निषाद के चुनाव प्रचार में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आ सकते हैं. उम्मीद है कि वे चुनावी रथ लेकर गोरखपुर के लोगों के बीच काजल के प्रचार के लिए पहुंचेंगे.
गोरखपुर के सांसद बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन और गठबंधन से सपा प्रत्याशी काजल निषाद दोनों ने इसकी पुष्टि की है. कलेक्ट्रेट परिसर स्थित आरओ/जिलाधिकारी के कोर्ट में नामांकन दाखिल होगा. रविकिशन ने बताया कि वे 10 मई को नामांकन दाखिल करेंगे. वे कहते हैं कि ऐतिहासिक जीत की ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जा रहे हैं. 400 पार इस बार जनता पहुंचा रही है. हर कोई निकल रहा है. ऐसे प्रधानमंत्री को देखने के लिए जिनके साथ भारत महान बनेगा. 10 मई को उनका नामांकन है. ऐतिहासिक नामांकन गोरखपुर में होगा. वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अभी से शुभकामनाएं देते हैं. बीजेपी की 4 जून को ऐतिहासिक जीत होगी. भारत महान बनने के नए पायदान पर खड़ा होगा. उनके नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आएंगे.
गठबंधन से सपा प्रत्याशी काजल निषाद बताती हैं कि बहुत अच्छी तैयारी चल रही है. वे जनता से अपील करती हैं कि उनके नामांकन में जरूर आएं. उनकी तबीयत में काफी सुधार है. वे प्रचार के लिए निकल रही हैं. उनके नामांकन में अखिलेश या अन्य बड़े राजनेताओं में कौन आएगा, इसके लिए बात नहीं हुई है. लेकिन उम्मीद है कि वे उनके प्रचार के लिए जरूर आएंगे. वे कहती हैं कि मुकाबला इसलिए कड़ा है. क्योंकि जनता वर्सेज सत्ता का मुकाबला है. वे निमित्त मात्र हैं. वे लगातार लोगों के बीच बनी हुई हैं. वे यहां की बहुरिया हैं. रवि किशन तो सिर्फ फिल्मों में बहुरिया बनते हैं. वे कहती हैं कि कुछ दिनों से सेहत खराब थी. वे कहना चाहती हैं कि बाज के न उड़ने से आसमान कबूतरों का नहीं हो जाता है. वे फिर से दमदारी के साथ वापस आ गई हैं. जब तक जीतेंगी नहीं तब तक हार नहीं मानेंगी.
गोरखपुर में कुल कितने हैं वोटर?
गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर 20 लाख 74 हजार 554 हैं. जबकि पुरुष वोटरों की संख्या 11,12,023 है. जबकि महिला वोटरों की संख्या 9,62,531 है. गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 4,68209 है. गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 4,22,038 हैं. सहजनवा विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,82,853 मतदाता हैं. पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में कुल 4,10,764 मतदाता हैं. कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,90,881 मतदाता हैं.
रवि किशन ने सपा प्रत्याशी को दी थी मात
अभिनेता से नेता बने रविकिशन पर बीजेपी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे प्रतिष्ठित सीट गोरखपुर सदर से साल 2019 में चुनाव मैदान में उतारा. बीजेपी के रवि किशन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के रामभुआल निषाद को तीन लाख से भी अधिक मतों से हराया था. रवि किशन को 7,17,122 और रामभुआल निषाद को 4,15,458 मत मिले. कांग्रेस के मधुसूदन त्रिपाठी को 22,755 मत मिले. अब लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने गोरखपुर सदर सीट से सांसद रवि किशन शुक्ला को दोबारा प्रत्याशी घोषित किया है.
गोरखपुर सीट का इतिहास
अब बात कर लेते हैं गोरखपुर लोकसभा सीट के इतिहास की. गोरखपुर लोकसभा सदर सीट 1952 में अस्तित्व में आई. 1952, 57 और 62 के चुनाव में लगातार यह सीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में रही. 1952 में सिंहासन सिंह, 57 में महादेव प्रसाद और 1962 में फिर सिंहासन सिंह ने जीत हासिल की. 1967 में हुए लोकसभा चुनाव में महंत दिग्विजयनाथ पहली बार इस सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत हासिल कर सांसद बने. साल 1970 में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवेद्यनाथ ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की. साल 1971 में कांग्रेस के नरसिंह नारायण पांडे ने फिर जीत हासिल की.
इसके बाद साल 1977 और 80 में हुए चुनाव में जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर हरिकेश बहादुर ने चुनाव जीता. साल 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मदन पांडे फिर एक बार कांग्रेस को जीत दिलाने में कामयाब हुए. इसके बाद साल 1989 91 और 96 में महंत अवेद्यनाथ इस सीट पर हिंदू महासभा, निर्दल और भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज किए. पूर्व में एक बार और लगातार हुई इस 3 जीत के बाद यह सीट मंदिर के खाते में चली गई. इसके पहले ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने मानीराम विधानसभा सीट पर 1962 से 80 तक 5 बार चुनाव जीतकर विधायक बने.
साल 1998, 99, 2004, 2009 और 2014 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार पांच बार जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया. साल 2018 में जब योगी आदित्यनाथ सांसद का पद छोड़कर यूपी के मुख्यमंत्री बने तो उप चुनाव में सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने समाजवादी पार्टी का टिकट पर जीत हासिल की. साल 2019 में एक बार फिर भाजपा के टिकट पर फिल्म अभिनेता रवि किशन शुक्ला ने चुनाव लड़कर इस सीट को फिर भाजपा और मंदिर के खाते में डाल दिया.
अनुमानित जातीय समीकरण
गोरखपुर मंडल की गोरखपुर सदर लोकसभा सीट की बात करें, तो यहां सवर्ण 6 लाख, मुसलमान करीब 2.02 लाख, निषाद तीन से 3.50 लाख, यादव 2.40 लाख, दलित 2.54 लाख वोटर हैं.
Gorakhpur |
Savarn |
OBC |
Dalit |
Muslim |
Total |
Population |
650000 |
950000 |
254745 |
220000 |
2074754 |
% |
31.32915 |
45.78876 |
12.27838 |
10.60371 |
|
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-लेखा जोखा
मतदाता– 20,74,754 पुरुष– 11,12,023 महिला- 9,62,531, थर्ड जेंडर- 162
अनुमानित जातीय समीकरण
सवर्ण- 6 लाख, ओबीसी- 9 लाख, दलित- 2.54 लाख, मुस्लिम- 2 लाख
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गोरखपुर विधानसभा सीट
- 1989 से गोरखपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है
- पहले इस सीट का नाम गोरखपुर हुआ करता था
- 2008 में परिसीमन के बाद सीट का नाम गोरखपुर शहर हो गया
- 1989 से 2002 तक शिव प्रताप शुक्ला गोरखपुर से बीजेपी के विधायक रहे
- 2002 में 2022 तक राधा मोहन दास अग्रवाल विधायक रहे
- 2022 से सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर से विधायक हैं
गोरखपुर जिला का इतिहास
- गुरु श्री गोरक्षनाथ के नाम पर जिले का नाम गोरखपुर
- गोरखपुर कौशल के प्रसिद्ध राज्य का एक हिस्सा था
- आर्य संस्कृति और सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा
- मौर्य, शुंग, कुशना, गुप्त और हर्ष साम्राज्यों का एक अभिन्न अंग रहा
गोरखपुर जिले की विधानसभा सीटें
- गोरखपुर जिले में विधानसभा की 9 सीटें हैं
- सभी 9 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं
- लोकसभा की दोनों सीटें गोरखपुर और बांसगांव पर बीजेपी का कब्जा है
- नगर निगम का मेयर भी बीजेपी का है
- जिला पंचायत अध्यक्ष भी बीजेपी का है
सीएम योगी का गढ़
- 1989 से 2018 तक गोरखपुर लोकसभा सीट पर मंदिर से जुड़ा ही कोई सांसद रहा
- 8 बार और 29 सालों तक मंदिर के महंत गोरखपुर के सांसद रहे
- गोरखनाथ मंदिर के तीन महंत 10 बार सांसद चुने गए
- महंत दिग्विजयनाथ एक बार, महंत अवेद्यनाथ 4 बार और योगी आदित्यनाथ 5 बार सांसद चुने गए
- 2018 के उपचुनाव में इस सीट पर बीजेपी हारी
- 2019 में फिर से इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली
- वर्तमान में भोजपुरी के मशहूर अभिनेता रवि किशन गोरखपुर के सांसद हैं
गोरखपुर की पहचान
- गोरक्षनाथ मंदिर
- गीता प्रेस
- चौरी-चौरा शहीद स्मारक (चौरी-चौरा कांड)
- गोरखपुर जेल (राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी हुई थी)
- एनई रेलवे का मुख्यालय
- दुनिया के सबसे बड़े प्लेटफार्म, अब दूसरे सबसे बड़े प्लेटफार्म के लिए पहचान
- सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम
- शहीद अशफाक उल्लाह प्राणि उद्यान
- रामगढ़ ताल लेख
- टेराकोटा और चीनी मिट्टी के बर्तन
- खाद कारखाना
- मेडिकल कॉलेज और एम्स
- गोरखा रेजिमेंट
गोरखपुर लोकसभा पिछले 6 चुनाव के नतीजे
-1998- योगी आदित्यनाथ (बीजेपी)
- 1999 - योगी आदित्यनाथ (बीजेपी)
- 2004 – योगी आदित्यनाथ (बीजेपी)
- 2009 – योगी आदित्यनाथ (बीजेपी)
- 2014 – योगी आदित्यनाथ (बीजेपी)
- 2018 उपचुनाव – प्रवीण निषाद (एसपी)
- 2019 – रवि किशन (बीजेपी)
गोरखपुर जिला- पिछले तीन विधानसभा चुनाव के नतीजे
साल बीजेपी एसपी बीएसपी अन्य
2012 3 1 4 1
2017 8 0 1 0
2022 9 0 0 0
गोरखपुर के विधायक
- कैंपियरगंज – फतेह बहादुर सिंह (बीजेपी)
- पिपराइच – महेंद्र पाल सिंह (बीजेपी)
- गोरखपुर शहर – योगी आदित्यनाथ (बीजेपी)
- गोरखपुर ग्रामीण – बिपिन सिंह (बीजेपी)
- सहजनवां – प्रदीप शुक्ला (बीजेपी)
- खजनी- श्रीराम चौहान (बीजेपी)
- चौरी-चौरा- सरवन कुमार निषाद (बीजेपी)
- बांसगांव- विमलेश पासवान (बीजेपी)
- चिल्लूपार- राजेश त्रिपाठी (बीजेपी)