UP Lok Sabha Elections 2024: गोंडा में पांच में चरण में 20 मई को मतदान होना है. ऐसे में गोंडा से बीजेपी के प्रत्याशी कीर्तिवर्धन सिंह और गठबंधन प्रत्याशी श्रेया वर्मा नामांकन कर जनता के बीच अपनी ताकत झोकनेमें लगे हुए हैं. दोनों ही नेताओं का राजनीति विरासत में मिली है. गोंडा लोकसभा में बीजेपी और गठबंधन की सीधी टक्कर मानी जा रही है. बीजेपी प्रत्याशी कीर्तिवर्धन सिंह दो बार से लगातार बीजेपी के टिकट पर जीत के सांसद बन रहे हैं और सन 1998 और सन 2004 में समाजवादी पार्टी से जीत हासिल कर सांसद बन चुके हैं.


गोंडा से बीजेपी प्रत्याशी कीर्तिवर्धन सिंह के पिता कुंवर आनंद सिंह 1971 से लगातार चार बार कांग्रेस के टिकट पर जीत कर सांसद रह चुके हैं. नामांकन करने के बाद भी वर्तमान सांसद और बीजेपी प्रत्याशी केकीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि हम लगातार जनता के बीच जा रहे हैं, हमने गोंडा के विकास के लिए काम किया है. जो विकास का काम नहीं हुआ उसको आगे करेंगे. हमारा गोंडा अयोध्या के बगल में है. यहां इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा, जिसमें रोजगार की संभावना है.


कीर्तिवर्धन सिंह ने साधी विपक्ष पर निशाना


बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि यहां गोंडा में जो ओवर ब्रिज बच गए, उसको बनवाया जाएगा. जहां तक गठबंधन की उम्मीदवार के सवाल है वह लोग बाहरी हैं और उनके दादा ने कितने विकास के काम किए हैं सब लोग जानते हैं. जो उनके दादा का हाल हुआ था वही हाल उनका होने वाला है. जो 2014 में 2019 में विपक्ष का हाल हुआ है वहीं चुनाव में होगा.


सपा प्रत्याशी श्रेया वर्मा ने क्या कहा?


कांग्रेस और सपा के गठबंधन की उम्मीदवार श्रेया वर्मा ने भी नामांकन कर जनता के बीच अपनी ताकत झोंकने में लगी हुई हैं. श्रेया वर्मा कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की नातिन और समाजवादी सरकार में कारागार मंत्री रहे राकेश वर्मा की पुत्री हैं. फिलहाल गठबंधन के उम्मीदवार से गोंडा लोकसभा से उम्मीदवार हैं. इन्होंने नामांकन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि रोना में कोई विकास का काम नहीं हुआ. युवा बेरोजगार हैं. मौजूदा संसद ने कोई काम नहीं किया है.


''बाहरी हम या बीजेपी प्रत्याशी''


गोंडा से सपा प्रत्याशी श्रेया वर्मा ने कहा कि गोंडा को विकास के रास्ते पर लाया जाएगा और जहां तक मेरे बाहरी होने का सवाल है तो सबसे दुखद बात यह है कि यहां पर चार बार के सांसद होने के बाद उनको जानता नहीं पहचान पाती है, तो आखिर बाहरी वह हैं कि हम. गठबंधन पीएफ के फार्मूले पर जीत को लेकर आसपास नजर आ रही है, लेकिन अब 20 मई को मतदान होगा और 4 जून को मतगणना, उसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.


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