Allahabad High Court On Afzal Ansari Case: गाजीपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. समाजवादी पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार होने के बावजूद वह अब चुनावी मैदान से दूर हो सकते हैं. अफजाल अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई आज भी पूरी नहीं हो सकी है. सुनवाई अब सोमवार 27 मई को दोपहर 2 बजे से जारी रहेगी.


हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई में यूपी सरकार और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के परिवार की तरफ से दलीलें पेश की गई. यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार की दलीलें आज खत्म हो गई हैं. सोमवार को सभी पक्ष अपनी अतिरिक्त दलीलें कोर्ट के सामने रखेंगे. यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार की तरफ से अफजाल अंसारी की सजा को 4 साल से बढ़ाकर 10 साल किए जाने की अपील की गई है. सुनवाई लगातार जारी रहने से अफजाल अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अफजाल अंसारी की चुनावी तकदीर का फैसला हाईकोर्ट से आने वाले फैसले पर ही टिका हुआ है. 


क्या है अफजाल अंसारी की दलील?


अफजाल अंसारी की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के जिस मर्डर केस के आधार पर उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी, उस केस में वह पहले ही बरी हो चुके हैं. अफजाल अंसारी की दलील है कि अगर वह मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं तो उस आधार पर लगे गैंगस्टर केस में उन्हें सजा नहीं दी जा सकती है. उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल अपनी अपील में सजा को रद्द किए जाने की मांग की है. मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में हो रही है. 


हाईकोर्ट ने लगा दी थी सजा पर रोक


गौरतलब है कि गाजीपुर की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार देकर 4 साल की सजा सुनाई थी. इसकी वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की जमानत मंजूर कर ली थी लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई थी.


गाजीपुर से नुसरत अंसारी लड़ेंगी चुनाव?


सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील 30 जून से पहले निस्तारित करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट से रोक लगने के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई थी. हाईकोर्ट ने अगर सजा रद्द नहीं की ऐसी स्थिति में चुनाव जीतने के बाद भी अफजाल अंसारी को सांसद पद छोड़ना पड़ेगा. पीपल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत 2 साल से ज्यादा सजा पाया हुआ व्यक्ति कोई चुनाव नहीं लड़ सकता है. हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर अफजाल अंसारी अगर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे तो वह बेटी नुसरत को चुनाव जिताने की अपील कर सकते हैं. गाजीपुर सीट से बेटी नुसरत ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है.


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