Lucknow: नक्खास स्थित शिया पीजी कॉलेज में अहलेबैत के बैनर तले आज देशभर के शिया धर्मगुरु एकजुट हुए. इनके एक मंच पर एकजुट होने का मकसद है, आतंकवाद को जड़ से खत्म करना. 26 नवंबर को जिस तरह से मुंबई में आतंकी हमला हुआ था, उसी की तर्ज पर आज 26 नवंबर को धर्मगुरु एकजुट हुए हैं. धर्मगुरुओं ने यहां आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई. इतना ही नहीं उसे जड़ से खत्म करने को लेकर भी बैठक में अहम फैसले भी लिए.
आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाना है प्रेस कांफ्रेंस का मकसद
ये कॉन्फ्रेंस ऑल इंडिया शिया हुसैनी फंड की ओर से हुई. इसमें कहा गया कि इराक, सीरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नाइजीरिया और ईरान दहशतगर्दों के निशाने पर है. ईरान के मुकद्दस रौज-ए में दहशत गरदाना हमले हो रहे हैं. मरकजी और रियासती हुकूमतों में और उनके जरिए बनाए गए तमाम बोर्ड और कम्युनिटीयों में शियाओं की नुमाइंदगी की भी मांग की गई. कहा गया की तमाम चलाई जा रही स्कीमों का फायदा शिया फिरकों को पहुंचे.
खुशुशन कश्मीर में शियाओं के लिए चलाई जा रही तमाम स्कीमें जिसमें सरकारी नौकरियां, तिजारत के लिए कर्ज, तालीमी साहिबे में तलबा की मर्द शामिल हैं. लिहाजा ये जलसा कश्मीर के लिए तकरीबन बीस लाख शिया अफराद के लिए तमाम सहूलियतें मुहैया कराने की ताजुयज पास करें.
जो हमारे मुल्क के दुश्मन हैं वही हमारी अदादारी के दुश्मन है- शिया धर्मगुरु यासूब अब्बास
शिया धर्मगुरु यासूब अब्बास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज के ही दिन 26/11 को मुंबई में बहुत बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था. जो हमारे मुल्क के दुश्मन हैं. वही हमारी अदादारी के दुश्मन है. लिहाजा आज हम दोनों के खिलाफ जंग का ऐलान करने जा रहे हैं. हम उसके अंदर शासन प्रशासन दोनों से भरपूर तरीके से सहयोग चाहते हैं. हमारी भावनाएं हैं उसको ठेस पहुंचाई जाती हैं. हमारी भावनाओं को वही लोग ठेस पहुंचा रहे हैं, जो लोग हमारे मुल्क के खिलाफ हैं. जो लोग हमारी अदादारी के खिलाफ है.
सरकार से मदरसों पर कार्रवाई न करने की अपील
आज हम दोनों के खिलाफ प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं. इसमें पूरे मुल्क के धर्मगुरु आए हुए हैं, यहां हम प्रस्ताव पास करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा आतंकवाद उस वक्त खत्म हो सकता है जिस वक्त सऊदी अरब का पैसा बंद हो जाए. जब तक सऊदी अरब फंडिंग करता रहेगा, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाएं मिलती रहेंगी, रसिया और तमाम लोगों का असलहा मिलता रहेगा तब तक ये आतंकवाद खत्म नहीं हो सकता. मैं सरकार से बार बार ये अपील कर रहा हूं, वो मदरसों पर कार्रवाई न करे. जिन मदरसों ने इस मुल्क की आजादी में अहम रोल अदा किया है. सरकार उन मदरसों को जरुर देखे. बता दें कॉन्फ्रेंस में मदरसा नजमिया के प्रिंसिपल मौलाना हमीदुल हसन, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सैफ अब्बास समेत देश भर के धर्मगुरु शामिल हुए.
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