(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'इस पर सही से अमल जरूरी' यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बोलीं मायावती
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने यूपी मदरसा एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है अब अनिश्चितता खत्म हो जाएगी.
UP Madarsa Act: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट की संवैधानिकता बरकरार रखने संबंधी फैसले पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने प्रतिक्रिया दी है. बसपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज एक अहम फैसले में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड कानून-2004 को वैध व संवैधानिक करार दिए जाने के फैसले का स्वागत. इससे यूपी में मदरसा शिक्षा को लेकर उपजे विवाद व हजारों मदरसों की अनिश्चितता को अब निश्चय ही समाप्त होने की संभावना. इस पर सही से अमल जरूरी.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब खासकर यूपी के मदरसों को मान्यता मिलने और उनके सुचारू संचालन में स्थायित्व आने की संभावना है. अदालत ने कहा कि मदरसा एक्ट के प्रावधान संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप हैं और ये धार्मिक अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की सुरक्षा करते हैं.
इसके अलावा मायावती ने निजी संपत्ति संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. बसपा चीफ ने लिखा- साथ ही, सुप्रीम कोर्ट की 9-जजों की बेंच द्वारा हर निजी सम्पत्ति को संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत सामुदायिक सम्पत्ति का हिस्सा नहीं मानना व इसका अधिग्रहण करने से रोकने के फैसले का भी स्वागत. अब तक सरकार के पास आम भलाई हेतु सभी निजी सम्पत्तियों को अधिगृहित करने का अधिकार था.
सरकारों को आम भलाई के लिए सभी निजी संपत्तियां अपने कब्जे में लेने का अधिकार नहीं: न्यायालय
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 7:2 के बहुमत के फैसले में मंगलवार को कहा कि संविधान के तहत सरकारों को ‘‘आम भलाई’’ के लिए निजी स्वामित्व वाले सभी संसाधनों को अपने कब्जे में लेने का अधिकार नहीं है. हालांकि, भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि सरकारें कुछ मामलों में निजी संपत्तियों पर दावा कर सकती हैं.प्रधान न्यायाधीश द्वारा सुनाए गए बहुमत के फैसले में न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर के पिछले फैसले को खारिज कर दिया गया जिसमें कहा गया था कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत वितरण के लिए सरकारों द्वारा अधिगृहीत किया जा सकता है.