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UP Madarsa Act: यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मुस्लिम धर्मगुरुओ ने किया स्वागत, जानें क्या कहा
UP News: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को सही ठहराया है. मुस्लिम धर्मगुरुओं और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की बहुत जरूरत है.
UP Madarsa Act: यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं व मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है व इसे काबिले तारीफ बताया है. वबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने बताया कि काफी समय से मुस्लिम समुदाय के जो अधिकार हैं, उस पर रोक लगाने की एवं उनके जो संविधान है उनको खींचने की बहुत कोशिश हो रही थी.जबकि मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की बहुत जरूरत है. मगर उनकी शिक्षा पर रोक लगाने की चीजें नजर आ रही थी.
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है मदरसा एक्ट को लेकर हम शुरू से कहते आए हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह सर आंखों पर है. सुप्रीम कोर्ट ने जो यह फैसला दिया है मैं धन्यवाद करता हूं माननीय सुप्रीम कोर्ट का और इस फैसले को सुनने वाले तमाम जजों का और उम्मीद जताता हूं कि आगे भी वह जैसे फैसला देते आए हैं और देते आएंगे और जो इस मुल्क की खूबसूरती है,उसे बरकरार रखने में हमारे माननीय सुप्रीम कोर्ट का बहुत बड़ा रोल है.मैं उनको कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूं.
क्या बोले मौलाना कारी इसहाक गौरा
मौलाना कारी इसहाक गौरा ने कहा कि जब किसी से कोई मिस्टेक हो जाती है तो लाजिमी तौर पर वह व्यक्ति ऊपरी स्तर पर जाता है और हर एक इंसान का कोई भी मसला हो.वह किसी समुदाय का हो या किसी एक व्यक्ति का हो जब कोई मामला ज्यादा आ जाता है तो वह ऊपर ही जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस चीज को बखूबी समझा और इस पर जो फैसला लिया है,ह बहुत काबिले तारीफ है.मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की बेहद जरूरत है.उनको ज्यादा से ज्यादा अथॉरिटी देनी चाहिए वह शिक्षित हो सके. उनकी शिक्षा को कोई भी रोकने का काम ना करें मैं तमाम नेताओं एवं सरकारों से अपील करता हूं मुसलमानों को शिक्षा दें और उनको शिक्षित करें.
अभिभावक व समाजसेवी हाजी चांद मियां का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हम बहुत खुश हैं और मुस्लिम समाज के लोग बहुत खुश हैं. मदरसा एजुकेशन का सेंटर है और एक यूनिवर्सिटी है उसको गलत बात करके बढ़ा चढ़ा करके कुछ लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट के फैसले को हमने चुनौती दी और हमारे हक में फैसला आया हम बहुत खुश हैं. इससे मदरसों के अंदर आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था की गई है. बच्चे वहां पढ़ेंगे और पढ़ लिख कर आगे तरक्की करेंगे.
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है मदरसा एक्ट को लेकर हम शुरू से कहते आए हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह सर आंखों पर है. सुप्रीम कोर्ट ने जो यह फैसला दिया है मैं धन्यवाद करता हूं माननीय सुप्रीम कोर्ट का और इस फैसले को सुनने वाले तमाम जजों का और उम्मीद जताता हूं कि आगे भी वह जैसे फैसला देते आए हैं और देते आएंगे और जो इस मुल्क की खूबसूरती है,उसे बरकरार रखने में हमारे माननीय सुप्रीम कोर्ट का बहुत बड़ा रोल है.मैं उनको कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूं.
क्या बोले मौलाना कारी इसहाक गौरा
मौलाना कारी इसहाक गौरा ने कहा कि जब किसी से कोई मिस्टेक हो जाती है तो लाजिमी तौर पर वह व्यक्ति ऊपरी स्तर पर जाता है और हर एक इंसान का कोई भी मसला हो.वह किसी समुदाय का हो या किसी एक व्यक्ति का हो जब कोई मामला ज्यादा आ जाता है तो वह ऊपर ही जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस चीज को बखूबी समझा और इस पर जो फैसला लिया है,ह बहुत काबिले तारीफ है.मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की बेहद जरूरत है.उनको ज्यादा से ज्यादा अथॉरिटी देनी चाहिए वह शिक्षित हो सके. उनकी शिक्षा को कोई भी रोकने का काम ना करें मैं तमाम नेताओं एवं सरकारों से अपील करता हूं मुसलमानों को शिक्षा दें और उनको शिक्षित करें.
अभिभावक व समाजसेवी हाजी चांद मियां का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हम बहुत खुश हैं और मुस्लिम समाज के लोग बहुत खुश हैं. मदरसा एजुकेशन का सेंटर है और एक यूनिवर्सिटी है उसको गलत बात करके बढ़ा चढ़ा करके कुछ लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट के फैसले को हमने चुनौती दी और हमारे हक में फैसला आया हम बहुत खुश हैं. इससे मदरसों के अंदर आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था की गई है. बच्चे वहां पढ़ेंगे और पढ़ लिख कर आगे तरक्की करेंगे.
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