Moradabad News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madrassa) का सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है. सरकार का तर्क है की इससे मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और मदरसों को यूपी मदरसा बोर्ड (UP Madrasa Board) से मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा. सर्वे में ये पता लगाया जाएगा कि मदरसों को कहां से पैसा मिल रहा है और संचालक इसे किस तरह संचालित करते हैं. बच्चों को तालीम किस तरह की दी जा रही है, हर जनपद में कितने मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं. इसके लिए सभी जनपदों को डीएम को निर्देश दिया गया है.
मदरसों के सर्वेक्षण पर क्या बोले मदरसा संचालक
सरकार के इस फैसले पर मुस्लिम विद्वान और मदरसा संचालक क्या सोचते हैं हमने यह जानने के लिए मुरादाबाद के प्रसिद्ध इस्लामी मदरसा जामिया नईमिया के प्रधानचार्य मुफ़्ती मोहम्मद अय्यूब खान नईमी से बात की. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. सर्वे से मदरसों की सही संख्या का पता चल पायेगा और उनकी स्थिति भी सही जानकारी मिलने के बाद सरकार मदरसों के उद्धार के लिए योजना बना पायेगी ताकि मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर हो सके. उन्होंने अपील की कि जो छोटे मदरसे अभी तक रजिस्टर्ड नहीं है उनके संचालकों को चाहिए की वो अपने मदरसों का रजिस्ट्रेशन समय से करा लें और जो वक्फ संपत्तियों में मदरसे संचालित हो रहे हैं उन्हें भी चाहिए की लखनऊ वक्फ बोर्ड में अपने मदरसे को रजिस्टर करा ले.
योगी सरकार के फैसले पर दी प्रतिक्रिया
मुफ़्ती मोहम्मद अय्यूब खान ने कहा कि सरकार का ये कदम बहुत अच्छा है और जरूरी है कि मदरसों का सर्वे होकर उनका रजिष्ट्रेशन हो जाए और बाद में कोई परेशानी न हो. हमें ये फैसला अच्छा मालूम होता है. सरकार ने इसमें कोई पाबंदी नहीं की है. जहां शिक्षा हो रही है उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए. सरकार ने मदरसे पर शिक्षा देने में पाबन्दी नहीं लगाई है बल्कि उनका सर्वे कराने का फैसला लिया है.
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