Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश में माफियाओं को योगी सरकार का डर सता रहा है और इसका एक उदाहरण गोरखपुर में देखने को मिला है. यहां पर इनामी माफिया अजीत शाही ने कोर्ट में सरेंडर किया है. माफिया अजीत शाही पर एसएसपी ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. पुलिस को इसकी कई दिनों से तलाश थी और कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था. वहीं पुलिस इसकी तलाश के लिए छापेमारी भी कर रही थी और  इनाम की धनराशि को भी बढ़ाने की तैयारी में थी. हालांकि इसी बीच पुलिस वालों को चकमा देते हुए उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया.


माफिया के खिलाफ कुल 33 मुकदमे हैं दर्ज 


माफिया अजीत शाही शाहपुर थाने में जबरिया वसूली, धमकी व बलवा का मुकदमा दर्ज होने के बाद से फरार था. 12 मई को कॉपरेटिव बैंक के सहायक सचिव धीरज श्रीवास्तव ने दर्ज मुकदमा कराया था. संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति कंफर्म करने के लिए सहायक सचिव पर दबाव बनाने का शाहपुर थाने में केस दर्ज हुआ था. अजीत शाही कैंट थाना क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी का रहने वाला है. अजीत शाही के खिलाफ कैंट, खोराबार, शाहपुर, गुलरिहा, गोरखनाथ और देवरिया जिले में कुल 33 मुकदमे दर्ज हैं. 


सरेंडर को लेकर पहले से ही अलर्ट थी पुलिस


इसके अलावा माफिया के खिलाफ साल 2010 में शाही गैंग (डी-4) में रजिस्टर्ड है. साल 2016 के 7 साल बाद फिर दर्ज हुआ केस तो माफिया को गोरखपुर पुलिस और एसटीएफ  खोजने लगी. वहीं इसी बीच उसके सरेंडर की पुलिस और एसटीएफ को भनक नहीं लगी, हालांकि पुलिस उसके सरेंडर को लेकर पहले से ही अलर्ट थी. इसके बावजूद भी माफिया ने पुलिसवालों को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया. गोरखपुर से लेकर देवरिया तक पुलिस पिछले तीन दिनों से उसकी तलाश में छापेमारी कर रही थी.


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