UP Mahagathbandhan: उत्तर प्रदेश समेत देशभर में बीजेपी (BJP) के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने के लिए कई नेता लगातार प्रयास कर रहे हैं. बीते दिनों इसको लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) दिल्ली (Delhi) भी गए थे. तब दिल्ली में उन्होंने कई विपक्ष के बड़े नेताओं से मुलाकात की थी. हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बीएसपी (BSP) सुप्रीमो ने मायावती (Mayawati) पर जमकर निशाना साधा है. जिसके बाद माना जाने लगा कि मायावती का पता विपक्ष के महागठबंधन से कट चुका है.


दरअसल, बीते दिनों अखिलेश यादव ने मायावती पर जुबानी हमला करते हुए कहा, "बहुजन समाज पार्टी वही काम करती है जो बीजेपी कहती है. अगर 2017 के चुनाव में और पिछले चुनाव में बसपा ने बीजेपी की मदद नहीं की होती तो उनकी सरकार नहीं बनी होती. आप उनके फैसलों को देख लीजिए, राष्ट्रपति चुनाव ही. आजमगढ़ के उपचुनाव में उन्होंने कुछ नहीं बोला और दो दिन बाद बीजेपी का समर्थन कर दिया."


सपा प्रमुख ने कहा, "समाजवादी पार्टी कैसे हारे और वो कौन-सा उम्मीदवार दिया जाए. उनका टारगेट बीजेपी नहीं है, उनका टारगेट सपा है. उनके बयानों को देख लीजिए, वे बीजेपी से नहीं लड़ रही हैं. वो तो अपनी एक बनाई हुई जेल में बंद हैं. उनका जेलर मुझे लगता है कि दिल्ली में बैठा हुआ है."



आकाश आनंद का ट्वीट
बात यहीं खत्म नहीं हुई, इन बयानों के बाद तस्वीरों पर सियासत शुरू हो गई. पहले मायावती के भतीजे आकाश आनंद के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की तस्वीरें पीएम नरेंद्र मोदी के साथ शेयर की. जिसके बाद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने भी कुछ तस्वीरें शेयर कर आकाश आनंद को जवाब दिया. 


जब मामले ने तूल पकड़ा तो मायावती ने खुद मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "सपा यूपी में अपना जनाधार खोती जा रही है, जिसके लिए उसका अपना कृत्य ही मुख्य कारण है. परिवार, पार्टी व इनके गठबंधन में आपसी झगड़े, खींचतान और आपराधिक तत्वों से इनकी खुली सांठगांठ और जेल मिलान आदि की खबरें मीडिया में आमचर्चाओं में है तो फिर लोगों में निराशा क्यों न हो?"


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मायावती का जवाब
मायावती ने आगे लिखा, "साथ ही, सपा की बीजेपी के साथ अन्दरुनी मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है और यही खास वजह है कि सपा के मुख्य विपक्षी पार्टी होने पर बीजेपी सरकार को यहाँ वाकओवर मिला हुआ है. सरकार को अपनी मनमानी करने की छूट है. इससे आमजनता और खासकर मुस्लिम समाज का जीवन त्रस्त और उनमें काफी बेचैनी."


बसपा प्रमुख ने लिखा, "सपा मुखिया अपनी इसी प्रकार की जनविरोधी कमियों को छिपाने के लिए दूसरों के खिलाफ अक्सर अनर्गल और बचकानी बयानबाजी आदि करके और करवाकर लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास करते रहते हैं, जिससे लोगों व देश की अन्य विपक्षी पार्टियों को भी सपा से सावधान रहने की जरूरत है."


यूपी के दो बड़े विपक्षी दलों के बीच आपसी तकरार के बाद माना जाने लगा है कि अब महागठबंधन से मायावती का पता कट चुका है. वहीं चर्चा ऐसी भी है कि क्या इसके पीछे विपक्षी गठबंधन में अखिलेश यादव के होना है?


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