UP News: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मुस्लिम समाज के लोगों की लोगों की शिक्षा पर जोर देने की बात कही है. नितिन गडकरी ने कहा है कि हमारे समाज में शिक्षा की सबसे ज्यादा आवश्यकता कहीं है तो मुस्लिम समाज में है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस बयान का उत्तर प्रदेश के मौलानाओं समर्थन किया और ने स्वागत किया है. आल इंडिया जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलीवी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के मुस्लिमों के शिक्षा पर दिए गए बयान का स्वागत किया है.
उन्होंने कहा कि है अगर नितिन गडकरी की तरह सभी सोचे तो देश समाज का भला होगा. वहीं मौलाना ने विहिप के द्वारा औरंगजेब की मजार हटाने को लेकर भी आड़े हाथों लिया है. उत्तराखंड के विधायिका आशा नोटियाल के मुस्लिमों के केदारनाथ के नहीं आने देने के बयान पर मौलाना शाहबुद्दीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
नितिन गडकरी के बयान किया समर्थन
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान पर मौलाना सुफियान निजामी ने भी प्रतिक्रिया दी है. मौलाना ने अपने बयान में कहा कि, 'नितिन गडकरी देश के बड़े नेता हैं. मुसलमान उन्हें बड़ी इज्जत देते हैं और उनकी बातों को गंभीरता से लेता है. उन्होंने कहा है कि तालीम के मैदान मुस्लिम समाज में बहुत पीछे है और उनकी बातों पर कुछ तो सच्चाई हो सकती है.'
मौलाना ने कहा कि, नितिन गडकरी के इस बयान को दुनिया में प्रोपेगेंडे की तरह पेश किया जा रहा है. मौलाना ने कहा कि एक तरफ तो आप मुसलमानों की तालीम की बात कर रहे हैं लेकिन आपकी सरकार तालीमी मैदान के बजट में कटौती की है. मौलाना ने कहा कि, मौलाना आजाद स्कालरशिप बंद कर दी गई, मुसलमानों की तालीम के लिए जो योजनाएं थी वह बंद कर दी गई. साथ ही आगे यह भी कहा कि, अगर गडकरी साहब सरकार से इस पर सवाल कर लें और जो स्कीम थी फिर से उसे चालू कर लें तो उनकी नियत पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता है. कहा कि नितिन गडकरी के बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत है और सरकार को उस पर तवज्जों देने की जरूरत है.
(भीम मनोहर की रिपोर्ट)
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