यूपी के इस बड़े अधिकारी ने किया फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण, बोले- नहीं छिपा रहे मौत के आंकड़े
Viral Fever in Firozabad: चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार (Alok Kumar) फिरोजाबाद (Firozabad) के मेडिकल कॉलेज में निरीक्षण करने पहुंचे. यहां उन्होंने बच्चों का हाल जाना.
Firozabad Medical College: फिरोजाबाद (Firozabad) पहुंचे उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव आलोक कुमार (Alok Kumar) ने कहा है कि मौत (Death) के आंकड़ों के छिपाया नहीं जा रहा है. बुखार (Fever) से हो रही मौतों के लेकर उन्होंने कहा कि ये बहुत बड़ा आउटब्रेक है, हम प्रयास कर रहे हैं. आलोक कुमार ने 100 बेड वाले शिशु चिकित्सालय का किया भी निरीक्षण. इस दौरान उन्होंने अस्पताल (Hospital) में भर्ती बच्चों से मुलाकात भी की और उनका हालचाल जाना. चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रमुख नए बन रहे हॉस्पिटल में भी गए और 100 बेडों को भी देखा. मीडिया से हुए रूबरू होते हुए आलोक कुमार ने कहा कि मौत के आंकड़ों को छिपाया नहीं जा रहा है. मुझे जो निर्देश मिला है उसी आधार पर आया हूं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) क्यों नहीं आए, ये मंत्री बताएंगे.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था दौरा
फिरोजाबाद में डेंगू बुखार के चलते 30 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले का दौरा किया था. सीएम के दौरे तक 39 मौतें हो चुकी थी लेकिन ये आंकड़ा उनके दौरे के बाद कम नहीं हुआ बल्कि बढ़ गया है. आज मौत के आंकड़ों की बात करें तो सरकारी आंकड़ा 50 बता रहा है. लेकिन, मौतों की संख्या इस समय 50 से पार हो चुकी है. आज उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज में निरीक्षण करने पहुंचे. यहां उन्होंने बच्चों का हाल जाना, इसके साथ ही उन्होंने नए बन रहे हॉस्पिटल को भी देखा.
फॉगिंग का कार्य किया जा रहा है
फिरोजाबाद पहुंचे आलोक कुमार ने कहा कि ''मैं यहां आया हूं, आज और कल रहूंगा. जरूरत पड़ी तो आगे भी यहां रुकूंगा. सब जगह घूमने के बाद पूरी बात करूंगा.'' उन्होंने कहा कि ''आज मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया है. यहां 383 बच्चे भर्ती हैं और यहां 200 बेड का हॉस्पिटल और बन गया है. इसके साथ-साथ और मोहल्लों में भी जाऊंगा तभी बेहतर कमेंट कर पाऊंगा.'' आलोक कुमार ने कहा कि ''मैंने कई मरीजों से बात की है, परिजनों का कहना था कि उनके बच्चों को नया जीवनदान मिला है. एंटी लार्वा, दवाइयां और फॉगिंग का कार्य किया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि ''मुझे बताया गया है कि डेंगू है, लेकिन इतना खतरनाक नहीं है. अगर सही समय पर इलाज मिल जाए मरीज ठीक हो जाते हैं. एक हॉस्पिटल पर लोड ना पड़े इसलिए हमने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सीएचसी और प्राइवेट हॉस्पिटलों से भी मदद ली है.''
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