मेरठ: बर्ड फ्लू एक हाईली पैथोजेनिक वायरस है. यूपी के मेरठ में बर्ड फ्लू के नियंत्रण के लिए जनपदीय एक्शन प्लान तैयार किया जा चुका है. 12 रैपिड रेस्पान्स टीम कार्यरत है और राजकीय पशु चिकित्सालय सदर में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जो कि 24 घंटे संचालित है. बचत भवन में बर्ड फ्लू के प्रभावी नियंत्रण के संबंध में हुई बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी के बालाजी ने की. उन्होंने विकास खंड स्तर पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्य योजना बनाने के लिए निर्देषित किया और ग्रामों में मुनादी कराने के लिए कहा.


जिलाधिकारी ने कहा कि सभी पोल्ट्री फार्म बायो-सिक्योरिटी गाइडलाईन का अनुपालन सुनिश्चित करें. पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल जिला प्रशासन को दें. उन्होंने डीपीआरओ को निर्देश किया कि वो ग्रामों में इस बात की मुनादी कराएं कि अगर बिना कारण कोई पक्षी मर रहा है तो उसकी सूचना जिला प्रशासन या कंट्रोल रूम को अवश्य दें. हर पोल्ट्री फार्म पर पक्षियों, अंडे और उनके फीड को सूचीबद्ध किया जाए.


सभी विभागों को दायित्व दिए गए
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कंसल ने कहा कि बर्ड फ्लू के नियंत्रण के लिए सभी विभागों को दायित्व दिए गए हैं. इसमें सर्वेक्षण और अन्य कार्य पशुपालन विभाग को, जिला पंचायत राज विभाग के माध्यम से पोल्ट्री फार्मो को ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा सूचीबद्ध करना, विकास खंड स्तर पर पक्षियों की बिक्री केंद्र को सूचीबद्ध करने का कार्य खाद्य प्रसंस्करण विभाग को दिया गया है. स्वास्थ्य, वन आदि विभागों को भी दायित्व दिए गए हैं.


उन्होंने बताया कि जनपद में छोटे और बड़े मिलाकर 62 पोल्ट्री फार्म है. जनपद में बर्ड फ्लू नियंत्रण के लिए राजकीय पशु चिकित्सालय सदर में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है जिसका मोबाइल नंबर 9412662803 है. यह कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित है.


कोरोना काल जैसी सतर्कता
बर्ड फ्लू के नियंत्रण के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए डॉ रजनीष ने पॉवर पाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि बर्ड फ्लू माईग्रेटेड पक्षी के द्वारा फैलता है. आमजन द्वारा जो सतर्कता कोरोना के लिए बरती गयी है जैसे मास्क पहनना, नियमित अंतराल पर हाथ धोना व शोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, वैसी ही सतर्कता बर्ड फ्लू के लिए भी बरतनी है.


उन्होंने कहा कि पक्षियों की ड्रोपिंग्स को पोल्ट्री फार्म में नहीं रहने दिया जाना चाहिए. इसकी सफाई हर दिन की जानी चाहिए. पोल्ट्री फार्म के आसपास पेडो की छटाई/कटाई की जानी चाहिए ताकि वहां कोई माइग्रेटेड बर्ड आकर न बैठे.


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