UP News: 'विपक्ष को अपने आहार और व्यापार की चिंता', गाय को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणी पर बोले अनिल राजभर
UP News: अनिल राजभर ने कहा कि हाईकोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय संरक्षित पशु घोषित करने की जो बात की है वो सार्थक और सकारात्मक टिप्पणी है, लेकिन विपक्ष के साथियों को उनके आहार और व्यापार की चिंता है.

Lucknow News: गाय को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित (National Animal) करने की जरूरत बताने वाली हाईकोर्ट (High Court) की टिप्पणी का कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर (Anil Rajbhar) ने स्वागत किया है. इसके साथ ही उन्होंने इसे लेकर विपक्ष पर निशाना भी साधा. राजभर ने कहा कि हाईकोर्ट की ये टिप्पणी बहुत सार्थक है, दो दिन पहले मैंने सदन में इस बात को कहा था कि विपक्ष के हमारे कुछ साथियों को उनके आहार और व्यापार की चिंता है.
अनिल राजभर ने कहा कि जो हमारे छुट्टा गोवंश है उसको लेकर विपक्ष ने एक सवाल खड़ा किया और अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष सदन में यह कहना चाह रहा था कि जो छुट्टा गोवंश है, गाय हैं उनको क्यों नहीं हम पहले की तरह स्वतंत्र कर देते. उनके कहने का मतलब यह था कि उत्तर प्रदेश की धरती पर इस देश में जो गौ माता है जो पूजनीय सांड है, जिन्हें हम नंदी बाबा कहते हैं, उनको कुछ लोगों का आहार बनने दिया जाए. कुछ लोगों का व्यापार तेजी से आगे बढ़े. समाजवादी पार्टी और विपक्ष के लोग हाउस के अंदर बात कह रहे थे.
विपक्षी दलों पर बोला हमला
राजभर ने कहा कि "बार-बार इस सदन में मुद्दों से अलग हटकर पूरे सदन में विपक्ष की तरफ से सिर्फ दो बात आती थी. एक जातीय जनगणना और दूसरी गौमाता और सांड. तब मैंने जवाब दिया था कि उत्तर प्रदेश और देश की धरती पर यह संभव नहीं है कि गौमाता जिन्हें हम पूजते हैं उन्हें किसी का आहार नहीं बनने देंगे, किसी के व्यापार का हिस्सा नहीं बनने देंगे."
हाई कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत
अनिल राजभर ने कहा कि हाईकोर्ट ने गौमाता को राष्ट्रीय संरक्षित पशु घोषित करने की जो बात की है वो बहुत ही सार्थक और सकारात्मक टिप्पणी है. लोगों को थोड़ा जागरूक करने की जरूरत है. जनचेतना पैदा करने की जरूरत है. हमारा मुख्यमंत्री जी के साथ बैठना होगा तो हम उन से निवेदन करेंगे कि अगली बार जब हाउस चले तो इस टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए हम भी सदन की तरफ से कोई प्रस्ताव ऊपर भेजें.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मैंने भी हाईकोर्ट की टिप्पणी को पढ़ा और सम्मान से कहना चाहता हूं कि जज साहब भी एक मुस्लिम वर्ग से आते हैं. जिन्होंने ये टिप्पणी की. उन्होंने गौ माता के धार्मिक महत्व को बताया, कैसे हमारे अर्थ, संस्कारों, परंपराओं साथ कैसे जुड़ी है बहुत विस्तृत टिप्पणी उन्होंने की है. ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो मार्गदर्शन हाईकोर्ट ने किया है उन्हें संरक्षित करने के लिए जो वर्णन किया.
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