पल्लवी पटेल और आशीष के बीच बढ़ी तकरार, मंत्री के पूर्व OSD संग की प्रेस वार्ता, लगाए ये आरोप
UP News: योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल और उत्तर प्रदेश की सिराथू सीट से सपा विधायक व अपना दल कमरेवादी नेता पल्लवी पटेल के बीच वार-पलटवार का सिलसिला नहीं रुक रहा है.
Ashish Patel News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की विधायक और अपना दल-कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल पर ताजा हमला करते हुए रविवार को कहा कि "हर 'अपराधी' के 'दिल-ओ-दिमाग' में एसटीएफ का डर होना चाहिए.' प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल (Ashish Patel) ने पलटवार करते हुए पल्लवी को 'प्रायोजित धरना मास्टर' करार दिया और कहा कि आज 'खिलौने' में फिर चाबी भरी गयी जिससे खिलौना फिर से चलने लगा.
प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्षों की नियुक्ति में घोटाले का आरोप लगाने वाली सपा विधायक पल्लवी पटेल ने रविवार को प्रेस वार्ता की और आशीष पटेल के पूर्व विशेष कार्याधिकारी राजबहादुर पटेल को भी मीडिया के सामने पेश किया.
उत्तर प्रदेश की सिराथू सीट से सपा की विधायक पल्लवी ने कहा, ‘‘जिस भ्रष्टाचार की चर्चा मैंने की है वह जिस दिन से शुरू हुआ उस वक्त प्राविधिक शिक्षा विभाग में विशेष कार्य अधिकारी राजबहादुर पटेल ने उस पर आपत्ति की. वह लगातार बताते रहे कि यह नियम विरुद्ध है और बड़े पैमाने पर इसमें वित्तीय अनियमितताएं हैं. जब उनकी बात को नहीं सुना गया तो उन्होंने त्यागपत्र दे दिया और उस जगह से हट गए लेकिन उसके बावजूद आज तक लगातार उन्हें और उनके परिवार को धमकियां दी जा रही हैं. उन्हें चुप रहने के लिए कहा जा रहा है. वह पेशे से शिक्षक हैं और एक जनवरी 2025 को इन्हें कारण बताओ नोटिस देकर इनका तत्काल तबादला रामपुर में कर दिया गया.’’
आशीष पटेल द्वारा खुद पर एसटीएफ से खतरा बताए जाने के बारे में पल्लवी ने कहा,‘‘कोई भी अपराधी हो, उसके दिल-ओ-दिमाग में एसटीएफ का डर होना चाहिए. यह बिल्कुल लाजमी है.’’
राजबहादुर पटेल ने बताया क्यों छोड़ा पद?
वहीं राजबहादुर पटेल ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि, 14 मई 2024 को उन्हें पता चला था कि नियम विरुद्ध तरीके से विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया की जा रही है, जिस पर उन्होंने मंत्री आशीष पटेल को पत्र लिखकर उन्हें इस बारे में बताया. राजबहादुर पटेल ने कहा कि जब उनकी बात नहीं सुनी गयी तो उन्होंने 30 मई को मंत्री के विशेष कार्याधिकारी का पद छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया पूरी हो भी गई जिसके बाद भी उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को पांच-पांच चिट्टियां लिखीं. उनके अनुसार इसके अलावा वह मुख्यमंत्री दरबार में भी गये.
पल्लवी ने कहा कि जब विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया हो ही नहीं सकती थी तो मंत्री ने उसे अनुमोदन क्यों दिया? उन्होंने कहा, 'इस घोटाले के लिए कौन जिम्मेदार है और कौन नहीं, इसका निर्धारण सरकार करेगी. हमारा सवाल सरकार से है. यह जांच का विषय सरकार के लिए है. हम आपके सामने आंकड़े और तथ्य रख रहे हैं. अब सरकार को जांच करनी है.' उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, 'उनके (आशीष पटेल के) जो स्क्रिप्ट राइटर बैठे हैं, उनकी बुद्धि पर मुझे दया आती है. '
पल्लवी पटेल के आरोपों पर मंत्री अशीष पटेल का पलटवार
इस बीच, आशीष पटेल ने पल्लवी और पूर्व विशेष कार्याधिकारी राजबहादुर पटेल के आरोपों पर पलटवार किया. देर रात 'एक्स' पर पटेल ने पोस्ट किया, ‘‘खिलौने में फिर चाबी भरी गई और जिससे खिलौना फिर से चलने लगा.'
उन्होंने पल्लवी पर निशाना साधते हुए कहा, 'प्रायोजित धरना मास्टर की आज की प्रेस वार्ता के बाद मेरे खिलाफ प्रायोजित षडयंत्रों की पूरी पोल पट्टी खुल गई है. धीरे-धीरे सभी षडयंत्रकारी एक मंच पर आना शुरू हो गए हैं. अब आप सबको यह भी पता चल गया होगा कि जो व्यक्ति लोक सभा चुनाव के कुछ पहले तक मेरा ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) था, वह लगातार किन षड्यंत्रकारियों के संपर्क में था?'
आशीष पटेल ने कहा, 'प्रायोजित धरना मास्टर के साथ प्रेस वार्ता में मौजूद मेरे पूर्व ओएसडी राज बहादुर सिंह लोकसभा चुनाव के पहले से ही राजग प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल को हराने के लिए प्रयत्नशील षडयंत्रकारियों के लगातार संपर्क में थे. ऐसे में ओएसडी को हटाने के अलावा क्या विकल्प था? ' उन्होंने कहा, 'पूरे षडयंत्र का जाल लोकसभा चुनाव के ठीक पहले से बुना जा रहा था. निशाने पर हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल थीं. सबको पता है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजग प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल जी को हराने के लिए क्या-क्या प्रयास नही किया गया?'
'मुझे मर्यादा लांघने पर न करें मजबूर'
पटेल ने कहा, 'पर्दे के पीछे का खेल बहुत हो गया, मुझे मर्यादा लांघने पर मजबूर न करें. मैंने मर्यादा लांघी तो बात बहुत दूर तक जाएगी.' पल्लवी पटेल ने पिछले महीने विधानमंडल के सत्र के दौरान प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्षों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस मुद्दे को लेकर वह विधान भवन में धरने पर भी बैठी थीं.
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