Jaiveer Singh on Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश सरकार में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह (Jaiveer Singh) ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri By-Election) में आमजन ने निष्पक्ष स्वतंत्र रूप से मतदान किया है, जो वातावरण दिख रहा है उससे निश्चित रूप से बीजेपी (BJP) का कमल खिलेगा. हमें विश्वास है कि मैनपुरी में इतिहास बदलने का काम होगा. वहीं जब उनसे अखिलेश यादव के शीतकालीन सत्र से दूरी बनाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो तो वहीं के हो कर रह गए.
मंत्री जयवीर सिंह ने मैनपुरी उपचुनाव को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका पूरा परिवार अलग-अलग टोलियों में गांव-गांव, दर-दर, गली-गली जिस तरह से घूमा उससे साफ हो गया कि उनको हार सामने दिखाई पड़ रही है. इसी के चलते शिवपाल यादव को भी सम्मान मिल गया. चाचा के चरणों में भतीजा शरणागत हुआ, सिर्फ जसवंत नगर विधानसभा के लिए. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव हमेशा हार के लिए बहाने तलाशते हैं. कभी ईवीएम, कभी पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हैं कि मतदान नहीं होने दिया.
अखिलेश यादव पर साधा निशाना
एबीपी गंगा ने जब इस दौरान जयवीर सिंह से अखिलेश यादव के शीतकालीन सत्र में नहीं पहुंचने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अखिलेश सदन में क्यों नहीं आए ये तो वहीं जान सकते हैं. वो तो वहीं के होकर रह गए हैं. हो सकता है बैठे-बैठे कोई नया बहाना तलाशने पर विचार विमर्श कर रहे हों.
सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर और सपा विधायकों के बीच हुई गहमागहमी पर जयवीर सिंह ने कहा "राजभर जी तो राजभर जी हैं उनका अपना अंदाज है" ओमप्रकाश राजभर की अपनी वैचारिक कार्यशैली है अपना अंदाज है. उस अंदाज में तमाम मुद्दों पर वह सपा मुखिया पर कई बार कटाक्ष कर विरोध कर चुके हैं, लेकिन मान्यता की दृष्टि से वह विपक्ष में बैठे यह भी सही है. वह आज हमारी सहयोगी पार्टी नहीं है, लेकिन सही बात यह कि जो सही तथ्य सरकार की ओर से आते हैं जो अच्छे निर्णय आते हैं अच्छे कार्य को लेकर उनका सहयोग समर्थन मिलता है.
जयवीर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र की ये स्वस्थ परंपरा है कि विपक्ष भी अच्छे मुद्दों पर हमारी तारीफ करें. जहां हमारी त्रुटियां कमियां हो अपने तरीके से सुझाव शिकायत करे. 2022 में सपा-सुभासपा दोनों की गलबहियां थी और अब तलाक हो गया है. जहां वैचारिक समानता नहीं हुआ करती, वहां ये रिश्ते लंबे नहीं चल करते. चाहे बसपा से गठबंधन हो या ओपी राजभर से.
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