Azam Khan News: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खान, उनकी पत्नी तज़ीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर की एक अदालत ने बुधवार (18 अक्टूबर) को सात साल की जेल की सजा सुनाई. तीनों को वर्ष 2019 के अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराया गया था. इस मामले पर यूपी के नेताओं की प्रतिक्रिया लगातार सामने आ रही है. अब यूपी के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने इस मामले में न्यायपालिका पर भरोसा करने की हिदायत दी है. 


जयवीर सिंह ने गुरुवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि अदालत में फैसले तथ्यों और सबूतों के आधार पर होते हैं. न्याय प्रणाली पर भरोसा करना चाहिए. अगर उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है तो वे अदालत में अपील कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें दोषी पाया गया है.  


आजम खान और उनकी पत्नी बेटे को भेजा जेल


एमपी-एमएलए अदालत के मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल की सजा सुनायी और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. फैसले के बाद तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया गया. 


अखिलेश यादव ने लगाया बड़ा आरोप


समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अदालत के निर्णय के बाद आरोप लगाते हुए कहा कि आजम खान के धर्म की वजह से उनके साथ अन्याय हो रहा है. बता दें कि, ये मामला 2019 में बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने दर्ज करवाया था. जिसमें अब्दुल्ला आजम के साथ उनके माता-पिता को भी आरोपी भी बनाया गया था. 


रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 बताई गई थी. वहीं दूसरे प्रमाण पत्र से पता चला कि उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था. अब्दुल्ला आजम पर आरोप था कि उन्होंने अपनी सुविधा के अनुसार इन जन्म प्रमाण पत्रों का समय-समय पर इस्तेमाल किया था. 


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